
इन्दौर में केवल मास्क की सख्ती, उसमें भी लापरवाही बरत रहे हैं लोग
इन्दौर। इन्दौर में हर दिन साढ़े पांच सौ से अधिक कोरोना मरीज मिल रहे हैं और अब एक बार फिर से यहां कंटेन्मेंट झोन बनाए जा रहे हैं। बाजार में सख्ती के नाम पर मास्क नहीं पहनने वालों के चालान बनाए जा रहे हैं, जबकि दूसरे शहरों में कोरोना मरीजों की इतनी संख्या नहीं है, फिर भी अस्थायी जेल और दुकानों को समय पर बंद कराने की सख्ती की जा रही है।
इन्दौर से लगे देवास और उज्जैन की ही बात की जाए तो अभी तक यहां इतने मरीज नहीं निकले हैं, जिसके आधार पर सख्ती बरती जा सके, लेकिन प्रशासन यहां कोरोना का संक्रमण नहीं फैले इसको लेकर सावधानी बरत रहा है। इन्दौर में जहां प्रतिदिन साढ़़े पांच सौ से अधिक मरीज मिल रहे हैं, वहीं देवास और उज्जैन में तो यह आंकड़ा पन्द्रह गुना कम है। देवास में जहां औसतन प्रतिदिन 30 मरीज मिल रहे हैं तो उज्जैन में इनकी संख्या 20 से 25 के आसपास ही है। इन्दौर में 5 कंटेन्मेंट झोन बनाए जा चुके हैं और यहां सख्ती बरती जा रही है, लेकिन शहर में न तो पुलिस सख्ती कर रही है और न ही निगम के लोग सख्ती करते दिखाई दे रहे हैं। देवास और उज्जैन में मास्क नहीं पहनने वालों को अस्थायी जेल में भेजने जैसी सजा भी दी जा रही है, ताकि लोग सावधानी बरतें। भोपाल में तो एफआईआर तक की तैयारी कर दी गई है। इन्दौर में केवल 8 बजे दुकानें बंद करने की सख्ती है, लेकिन दिन में जिस तरह से बाजारों में भीड़ उमड़ रही है, उससे सामूहिक संक्रमण की आशंका बढ़ती जा रही है।
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