
उज्जैन। कोरोना की सुगबुगाहट से निजात के बाद अब लू की लपटें शहरवासियों को चपेट में ले रही हैं। सरकारी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीजों के आंकड़ों में तेजी से इजाफा हो रहा है। 25 मई से नवतपा के दौरान सतर्क रहने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। उज्जैन में मौसम की मार के शिकार हुए कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है। वर्तमान में सक्रिय मरीजों में जहां दो पॉजिटिव हैं, वहीं नए संक्रमित मरीजों की संख्या पर विराम लग गया है। लेकिन हीट स्ट्रोक से पीडि़तों की सख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मौसम के करवट लेने और तापमान में उछाल के बाद वायरस का प्रकोप खत्म हो गया है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से गर्मी ने जिस प्रकार अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है डिहाइड्रेशन और लू से पीडि़तों में डायरिया और पानी की कमी के लक्षण सामने आ रहे हंै। दोपहर 12 बजे के बाद धूप में निकलने, मजदूरी करने वालों को स्ट्रोक का खतरा तेजी से प्रभावित कर रहा है। आरएमओ डॉ. भोजराज शर्मा के अनुसार 40 डिग्री के तापमान के बाद हीट वेव का खतरा मंडराने लगता है।
दूषित बर्फ से हो रही है लोगों की तबीयत खराब..जुकाम बुखार
उज्जैन। शहर में गंदे पानी से तैयार किया जा रहा बर्फ बड़े पैमाने पर बिक रहा है तथा गन्ने के रस एवं अन्य पेय पदार्थों में डालकर दिया जा रहा है तथा यह कच्चा बर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इसकी जाँच नहीं हो रही है, जबकि इससे सबसे अधिक बीमारी फैलती है तथा इसके कारखानों पर जाकर जाँच की जाना चाहिए।
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