
उज्जैन। प्रधानमंत्री के आगमन के चलते पशु बाड़े तोडऩे की कार्रवाई कुछ दिनों से रोक दी गई थी। अब यह कार्रवाई दीपावली के बाद फिर होगी, लेकिन इसके लिए कुछ अलग नियम बनाए जाएँगे। इसमें पशु पालने के लिए लाइसेंस भी देने की योजना नगर निगम बना रहा है।
आवारा मवेशी शहर में बड़ी संख्या में है, इन पर रोक लगाने के लिए पशु पकड़ो अभियान नगर निगम द्वारा चलाया जाता है लेकिन इसका असर ज्यादा नहीं दिखता है। शहर में आवारा मवेशियों की संख्या में कमी नहीं आती है। इसी को देखते हुए नगर निगम के अधिकारी योजना बना रहे हैं कि शहर में पशुपालकों को अधिकतम दो पशु पालने की अनुमति का लाइसेंस दिया जाएगा। इस लाइसेंस में शर्त यह रहेगी कि पशुओं को सार्वजनिक स्थानों पर घूमने नहीं दिया जाएगा, वहीं स्वयं की भूमि पर ही वे इन पशुओं को चरा सकेंगे। यदि इन लाइसेंस धारियों के पशु सड़कों पर घूमते पाए गए तो इन पर जुर्माना होगा और लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाएगा।
इस आशय का प्रस्ताव नगर निगम के अधिकारी एमआईसी में लाने की योजना बना रहे हैं। एमआईसी में पास होने पर प्रस्ताव को सदन में रखा जाएगा और फिर इसे लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को उज्जैन आए थे, इसके पूर्व अक्टूबर महीने में पशु पकडऩे का अभियान बंद कर दिया गया था और बाड़े भी नहीं तोड़े जा रहे थे। अब दीपावली बाद जो भी पशु बाड़े शेष बचे हैं उन्हें तोड़ा जाएगा और पशु पकड़ों अभियान में भी तेजी लाई जाएगी।
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