
10 करोड़ की हाउसिंग फॉर ऑल के लिए आवंटित जमीन भी बिक गई, कलेक्टर के निर्देश पर अवैध निर्माण तोडऩे के साथ मुक्त करवाई जमीन
इंदौर। लिम्बोदी (Limbodi) में प्रशासन (Administration) ने सरकारी नजूल जमीन (Government Nazul Land) हाउसिंग फॉर ऑल प्रोजेक्ट (Housing for All Project) के लिए नगर निगम (municipal Corporation) को आवंटित की थी, मगर इस जमीन पर भी अवैध कब्जे (Illegal Occupation) और निर्माण हो गए। शिकायत मिलने पर कलेक्टर (Collector) ने जमीन पर बने चार मकान तो जमींदोज करवाए और सरकारी जमीन बेचने वाले तीन लोगों के खिलाफ कल तेजाजी नगर ( Tejaji Nagar) थाने में एफआईआर भी दर्ज करवा दी। सर्वे नम्बर 191 और 192 की 1.831 हेक्टेयर यानी 4 एकड़ जमीन का कब्जा भी आज निगम पुन: हासिल करेगा। शिवधाम कालोनी (Shivdham Colony) के पास नाले के किनारे की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले अश्विन अग्रवाल, सिकंदर काला और सत्येन्द्र मीणा के खिलाफ निगम के भवन निरीक्षक द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई।
कार्यालय कलेक्टर (Collector) द्वारा 19.10.2016 को उक्त जमीन हाउसिंग फॉर ऑल (Housing for All) के लिए आवंटित की गई थी। मगर इस जमीन पर अश्विन, सिकंदर और सत्येन्द्र मीणा ने न सिर्फ अवैध रूप से कब्जा किया, बल्कि कूटरचित दस्तावेजों के जरिए इस सरकारी जमीन को खुद की जमीन बताते हुए जितेन्द्र कुशवाह, कुलदीप तोमर सहित अन्य को बेच डाली, जिस पर इन लोगों ने मकान भी बना लिए। बाद में जब पता चला कि यह जमीन तो नजूल यानी सरकारी है तब इसकी शिकायत कलेक्टर (Collector) को की गई। राजस्व रिकार्ड में सर्वे नम्बर 191 और 192 की ये चार एकड़ जमीन सरकारी भूमि चारागाह मद में दर्ज है, जिसके चलते तीन दिन पहले निगमायुक्त प्रतिभा पाल (Municipal Commissioner Pratibha Pal) ने झोन क्र. 13 के तहत आने वाली इस जमीन पर बने मकान नम्बर 242, सेक्टर-ए, शिवधाम के पास से अतिक्रमण हटवाए। चार मकानों का निर्माण यहां किया गया था, जिन्हें हटाया गया। इस जमीन की वर्तमान कीमत 10 करोड़ रुपए से अधिक है। कलेक्टर के निर्देश पर कल निगमायुक्त ने एफआईआर दर्ज करवाने के भी निर्देश दिए, जिसके चलते क्षेत्रीय भवन निरीक्षक दीपक गरगटे ने तेजाजी नगर थाने पर एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें नाले के पास की भूमि पर अवैध निर्माण करने और सरकारी जमीन को कब्जे में लेकर भूखंड काटकर बेचने की शिकायत की गई और तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धारा 406, 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। इस सरकारी जमीन पर काटे भूखंडों की रजिस्ट्री भी इन आरोपियों ने करवा दी थी। अब इस जमीन को आज निगम पुन: अपने कब्जे में लेगा।
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