कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वित्त विभाग द्वारा निविदा प्रक्रिया के नियमों में ढील दिए जाने के बाद राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को उन्नत करने के लिए सामग्रियों की खरीद में अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। गृह सचिव अलापन बनर्जी, वित्त सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के पैनल का गठन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा किया गया है क्योंकि उनके कार्यालय में अनियमितताओं की कई शिकायतें मिली थीं। इसमें इस बात का दावा किया गया था कि महामारी से बचाव के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के नाम पर की गई खरीद में व्यापक धांधली हुई है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है।
एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि वित्त विभाग द्वारा राज्य के स्वास्थ्य ढांचे के विकास के लिए निविदा (बोली प्रक्रिया) में ढील दिए जाने के बाद ऐसी अनियमितताएं हुईं। मुख्यमंत्री को सीएमओ द्वारा इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद कमेटी गठित हुई है।
कमेटी अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को सौंपेगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी के खिलाफ अनियमितताएं साबित होती हैं, तो उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवंटित धनराशि को अस्पताल, सेफ हाउस और स्वास्थ्य केंद्रों के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए आवश्यक सैनिटाइज़र, दस्ताने, मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और अन्य सामग्री खरीदने में खर्च किया गया था। पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार तक 29.10 लाख पीपीई के आदेश दिए थे और उनमें से 20.48 लाख प्राप्त किए।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि इसने 14.90 लाख एन 95 मास्क खरीदे हैं जबकि अन्य 48.80 लाख नियमित मास्क खरीदे हैं। इसमें 37.35 लाख दस्ताने और 20,000 थर्मल बंदूकें भी मिली हैं।
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