
9 हजार के लगभग साइबर ठगी की शिकायतें, 90 करोड़ से अधिक की राशि गई
इंदौर। शहर (Indore) में हर साल 600 के लगभग चोरियों (Thefts) की रिपोर्ट दर्ज होती है, जिसमें दस करोड़ (one hundred million) के आसपास की राशि चोर ले जाते हैं। लेकिन साइबर ठग (Cyber fraudsters) घर बैठे ही इससे दस गुना अधिक राशि ऑनलाइन ही उड़ा रहे हैं। इस साल साइबर ठगी में 90 करोड़ से अधिक की राशि का चुना इंदौरियों को साइबर ठगों ने लगाया है।
शहर में हर साल 32 थानों में 600 से अधिक चोरी की रिपोर्ट दर्ज होती है। इसमें जेवर और नकदी सहित लगभग दस करोड़ की राशि चोर ले जाते हैं। कुछ पुलिस बरामद भी करती है। लेकिन साइबर ठग इससे दस गुना अधिक राशि का इंदौरियों को घर बैठे ही चूना लगा रहे हैं। बताते हैं कि इस साल क्राइम ब्रांच के पास 9 हजार के लगभग साइबर ठगी की शिकायतें आई हैं, जिसमें 90 करोड़ से अधिक की राशि ऑनलाइन ठगी में गई है, जो चोरी की राशि से लगभग दस गुना अधिक है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब साइबर अपराध ज्यादा हो रहे हैं। इसके लिए पुलिस को हाईटेक होने की आवश्यकता है। इस पर काम भी हो रहा है। साइबर ठगी से बचने का प्रमुख तरीका जागरूकता ही है। इसके चलते पुलिस लगातार साइबर पाठशाला लगाकर लोगों को जागरूक कर रही है। वहीं समय रहते पुलिस के पास पहुंचने वालों का करोड़ों रुपया वापस करवाने में भी सफल हो रही है। इस साल क्राइम ब्रांच ने ऐसे ही लोगों के 14 करोड़ रुपए 11 माह में वापस करवाने में सफलता अर्जित की है, जो अब तक का रिकार्ड है। इसमें भी यह देखने में आ रहा है कि सबसे अधिक लोग शेयर और क्रिप्टोकरंसी में ट्रेडिंग के नाम पर शिकार हो रहे हैं। इनमें महिलाएं, इंजीनियर, डॉक्टर, यहां तक कि आईटी से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में साइबर ठगी का शिकार हुए हैं। बताते हैं कि इस साल क्राइम ब्रांच के पास ट्रेडिंग के नाम पर हुई ठगी की 800 से अधिक शिकायतें पहुंची हैं, जिसमें करोड़ों का चूना लगाया गया है। बताते हैं कि ठगी एक लाख से लेकर करोड़ों तक की हुई है। पुलिस ने साइबर ठगी से निपटने के लिए हर मुख्यालय पर राज्य साइबर सेल की स्थापना की है, वहीं क्राइम ब्रांच में भी साइबर सेल की टीम बनाई गई है। इस साल क्राइम ब्रांच की बात करें तो सबसे अधिक कार्रवाई पुलिस ने साइबर ठगी और ड्रग्स में ही की है। इन दोनों पर ही पुलिस का फोकस रहा है।