
नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे (Chief Justice SA Bobde) ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण वह डॉक्टरों से परामर्श के बाद ही विधिवत अदालत शुरू करने का अंतिम निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा, हम भी चाहते हैं कि फिजिकल कोर्ट की शुरुआत हो, क्योंकि हमें उसकी आदत है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि मेडिकल विशेषज्ञों की राय के बिना हम फिजिकल कोर्ट शुरू नहीं कर सकते। हम वकीलों के कहने पर इसे शुरू नहीं कर सकते। दिल्ली हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में फिजिकल कोर्ट शुरू करने के निर्णय को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए चीफ जस्टिस ने ये टिप्पणी की।
चीफ जस्टिस ने दिल्ली हाईकोर्ट की अधिसूचना को चुनौती देने वाले चार वकीलों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि वह इसके लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। पीठ ने कहा कि उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पर पूरा भरोसा है। इससे पहले बुधवार को ही मराठा आरक्षण से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत दो हफ्ते में फिजिकल कोर्ट शुरू करने का निर्णय लेगी।
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