
कैनबरा । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ (With Australian Defence Minister Richard Marles) व्यापक द्विपक्षीय बैठक की (Held comprehensive Bilateral Meeting) । राजनाथ सिंह ने गुरुवार को आतंकवाद पर बेहद सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते और पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
उन्होंने यह बात ऑस्ट्रेलिया में वहां के उप प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ एक आधिकारिक बातचीत में कही। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने सीमापार आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को अपना समर्थन दिया । इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी संक्षिप्त रूप से हिस्सा लिया। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं और प्रधानमंत्री अल्बनीज को मई 2025 में हुई उनकी चुनाव जीत के लिए बधाई दी। अल्बनीज ने भारत की आर्थिक प्रगति, रक्षा, साइबर सुरक्षा और आईटी क्षेत्रों में उपलब्धियों की सराहना की और द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने में उत्साह व्यक्त किया।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने दो दिवसीय औपचारिक दौरे के दौरान 9 अक्टूबर को कैनबरा में ऑस्ट्रेलिया के उपप्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ व्यापक द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी की 5वीं वर्षगांठ पर आयोजित की गई, जिसमें दोनों पक्षों ने सैन्य अभ्यास, समुद्री सुरक्षा, रक्षा उद्योग सहयोग और विज्ञान-तकनीक में संयुक्त अनुसंधान सहित रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
बैठक में रक्षा मंत्री ने भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की गहरी सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक साझा नींव को रेखांकित किया और कहा कि व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत रक्षा सहयोग में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है, जो द्विपक्षीय संबंधों की समग्र दिशा के अनुरूप है। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया। इसमें भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा साझेदारी की बढ़ती गहराई और आपसी विश्वास को रेखांकित किया गया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खतरे पर भारत का दृष्टिकोण दोहराया। उन्होंने कहा, ‘आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।”
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सभी रूपों के आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया। इस बैठक के दौरान तीन महत्वपूर्ण समझौते किए गए। इनमें सूचना साझा करने का समझौता, पनडुब्बी खोज एवं बचाव सहयोग पर समझौता व संयुक्त स्टाफ टॉक्स की स्थापना के लिए नियमावली बनाना शामिल है। इससे पहले राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील ने स्वागत किया और सांस्कृतिक और औपचारिक समारोह के तहत उनका अभिवादन किया। बैठक के दौरान केसी-30ए ए मल्टीरोल ट्रांसपोर्ट एवं टैंकर विमान पर लाइव एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग का प्रदर्शन भी किया गया। इसमें एफ-35 विमान को रिफ्यूलिंग प्रदान की गई। यह पिछले साल के एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग कार्यान्वयन समझौते के बाद बढ़ती इंटरऑपरेबिलिटी का प्रमाण था। इसके अलावा, संसद भवन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का परंपरागत स्वागत किया गया, जिसमें रिचर्ड मार्लेस की उपस्थिति रही। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सैन्य सहयोग, रणनीतिक विश्वास और बहु-क्षेत्रीय साझेदारी को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
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