
नई दिल्ली। शुक्रवार को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) (Traffic Control (ATC)) का ऑटोमेटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (एएमएसएस) क्रैश (Automatic Message Switching System (AMSS) crash) होने की वजह से दिल्ली (Delhi) के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) पर फ्लाइट ऑपरेशन लगभग ठप्प हो गए. दिल्ली एटीसी में हुए इस क्रैश का असर सिर्फ आईजीआई एयरपोर्ट तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इस असर देश के लगभग सभी एयरपोर्ट्स में देखने को मिला. आपको यह बात जानकर हैरानी हेागी कि जिस सिस्टम क्रैश की वजह से शुक्रवार को देश के तमाम एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट ऑपरेशन ठप्प रहे, वह एक ऐसी गड़बड़ी थी, जिसकी चेतावनी महीनों पहले दी जा चुकी थी.
यह बात जानकारी भले ही आपको थोड़ा हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह बात पूरी तरह से सच है. दूसरा सच यह भी है कि अगर इस चेतावनी के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) समय रहते ध्यान दे देता, तो शायद आज सैकड़ों फ्लाइट और लाखों पैसेंजर्स को बेवजह परेशान नहीं होना पड़ता. आपको बता दें कि एटीसी कंट्रोलर्स की मांग पर जब एएआई की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया गया तो एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने इस बाबत पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी को एक लेटर भी लिखा था. जुलाई 2025 में लिखे गए इस लेटर में साफ साफ बताया गया था कि एटीसी सिस्टम अब काफी पुराना हो चुका है।
पांच महीने पहले गिल्ड ने किया था आगाह
एएआई से जुड़े सूत्रों के अनुसार, गिल्ड की तरफ से लिखे लेटर में यह भी बताया गया था कि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर इस्तेमाल हो रहे ऑटोमेशन सिस्टम्स में लगातार स्लो परफॉर्मेंस और लैग की प्रॉब्लम आ रही है. ये वही सिस्टम हैं, जो देश के एयर ट्रैफिक को मैनेज करते हैं. यानी अगर इनमें किसी भी तरह का कोई ग्लिच आ जाए तो पूरी एविएशन सिस्टम की चेन पर ठप्प हो सकती है. गिल्ड ने अपने लेटर लिखकर कहा था कि अब वक्त आ गया है कि एयर नेविगेशन सर्विसेज के इन ऑटोमेशन सिस्टम्स को रिव्यू और अपग्रेड किया जाए, क्योंकि ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है और ऑपरेशन दिन-ब-दिन ज्यादा कॉम्प्लेक्स होते जा रहे हैं।
प्लेन क्रैश के ठीक बाद किया गया था आगाह
उन्होंने ये भी कहा था कि भारत को अब अपने सिस्टम्स को ग्लोबल स्टैंडर्ड्स तक ले जाना होगा. गिल्ड ने यूरोप के यूरोकंट्रोल (EUROCONTROL) और अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के सिस्टम का हवाला भी दिया था. उन्होंने बताया था इन देशों में मौजूद सिस्टम नकेवल एडवांस टेक्नॉलजी का है, बल्कि AI-बेस्ड प्रेडिक्शन, रियल-टाइम डेटा शेयरिंग और स्मार्ट कॉन्फ्लिक्ट डिटेक्शन सिस्टम्स पर भी काम करता है. आपको बता दें कि गिल्ड ने ये चिट्ठी AI 171 फ्लाइट क्रैश के बाद लिखी थी, ताकि सेफ्टी से जुड़े कुछ बहुत जरूरी मुद्दों पर तुरंत एक्शन लिया जा सके. लेकिन अफसोस की बात यह है कि कई बार ये बातें एएआई के टॉप मैनेजमेंट तक पहुंचने के बावजूद, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
टेक्निकल ग्लिच या फिर सिस्टम की है लापरवाही
अब शुक्रवार को जब आईजीआई एयरपोर्ट पर सिस्टम क्रैश होने की वजह से सैकड़ों फ्लाइट्स लेट हो गईं और हजारों पैसेंजर्स एयरपोर्ट्स पर फंसे गए, तो वही पुराना सवाल फिर खड़ा हो गया. इतनी चेतावनियों के बाद भी सिस्टम अपग्रेड क्यों नहीं हुआ? एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर वक्त पर टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया गया होता, तो शायद शुक्रवार को आईजीआई एयरपोर्ट पर ऐसे हालात पैदा नहीं होते. कुल मिलाकर, ये सिर्फ एक टेक्निकल ग्लिच नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही की जीती-जाती मिसाल थी।
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