img-fluid

दिल्ली ब्लास्ट: आतंकी डॉ. उमर ने ब्लास्ट से पहले सुसाइड बॉम्बिंग को बताया था जायज…

November 18, 2025

दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) को दहलाने की फिराक में रहे आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद नबी (Dr. Umar) का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों (security agencies) की चिंता बढ़ा दी है। इस वीडियो में उमर अंग्रेजी में तकरीर करता हुआ दिखाई दे रहा है और आत्मघाती बमबारी को जायज ठहरा रहा है। वीडियो में उमर अकेला नजर आ रहा है और उसने एक कमरे में बैठकर यह वीडियो रिकॉर्ड किया है।

आत्मघाती हमलों पर उमर का विवादास्पद तर्क
वीडियो में उमर ने आत्मघाती हमलों की अवधारणा को गलत समझे जाने का दावा किया है। उसका कहना है कि लोग इस विचार की मूल भावना को समझने में असफल रहते हैं कि आत्मघाती बम विस्फोट का असली मतलब क्या है। उसने स्वीकार किया कि इसके खिलाफ कई तरह के विरोधाभास और अनगिनत तर्क मौजूद हैं।


वीडियो में उमर मोहम्मद ने कहा कि “जिसे आत्मघाती बम विस्फोट कहा जाता है, वह अवधारणा बहुत ही गलतफहमी में से एक है। यह एक शहादत अभियान है… जिसे इस्लाम में जाना जाता है।” वह आगे स्वीकार करता है कि इस अवधारणा के खिलाफ कई तर्क दिए गए हैं, और इसमें विरोधाभास भी है। उमर के अनुसार, “शहादत” अभियान वह होता है जिसमें व्यक्ति यह मान लेता है कि उसकी मौत किसी खास जगह और समय पर होगी तो वह एक खतरनाक मानसिक अवस्था में पहुंच जाता है। वह मानने लगता है कि मौत ही उसका अंतिम लक्ष्य है।

डॉ. उमर मोहम्मद ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोई भी व्यक्ति सटीक भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि उसकी मौत कब और कहां होगी, और यह तभी संभव है जब यह नियति में लिखा हो। उसने अपने वीडियो संदेश में कहा कि “मौत से मत डरो।”

वीडियो में उमर मोहम्मद का अंग्रेजी लहजा अलग और स्पष्ट है। उसकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि वह आत्मघाती बम विस्फोट और “शहादत” जैसे विषयों पर गहराई से विचार करता था, जो उसकी पूरी तरह से कट्टरपंथी सोच को दर्शाता है। एक शांत और संयमित व्यक्ति द्वारा जघन्य कृत्य को सही ठहराने का यह वीडियो, भारत में आतंकवाद के एक नए, शिक्षित, कट्टरपंथी चेहरे को सामने लाता है।

यह वीडियो इस बात की भी पुष्टि करता है कि दिल्ली कार विस्फोट की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई गई थी। यह इस अटकल को खारिज करता है कि विस्फोटकों को ले जाते समय यह अनजाने में हुआ होगा। यह घटना भारत में सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चुनौती पेश करती है, जो ऐसे कट्टरपंथी तत्वों से निपटने की रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर हैं।

सूत्रों की मानें तो इनमें से कई नंबर एक ही विदेशी सर्वर से जुड़े हैं, जिसने पाकिस्तान और तुर्किये दोनों देशों के आइपी-क्लस्टर के बीच लगातार स्विच ओवर दिखाया है। जांच एजेंसियां आशंका जता रही हैं कि इन सबके के लिए अलग-अलग प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल हुआ।

जांच एजेंसियां पता लगा रही हैं कि कौन-कौन से फोन विस्फोट से कुछ मिनट पहले किस विदेशी आईपी से लिंक हुए। शुरुआती जांच में घटना स्थल पर मौजूद दो फोन ऐसे मिले हैं, जिनमें मिनट-टू-मिनट लोकेशन शिफ्ट हुई। इससे संकेत मिलता है कि फोन को ‘स्पूफ’ (यानी दूसरे नेटवर्क पर डाला गया) किया गया। इनका जांच एजेंसियां पता लगा रही हैं।

Share:

  • फारुख अब्दुल्ला के ऑपरेशन सिंदूर बयान पर कीर्ति के तीखे जवाब, स्वार्थ की राजनीति का आरोप!

    Tue Nov 18 , 2025
    नई दिल्‍ली । जम्मू-कश्मीर(Jammu and Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला(Former Chief Minister Farooq Abdullah) के ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor) पर दिए गए बयान(statement) को लेकर राजनीति तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने सोमवार को फारुख के इस बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला राष्ट्रीय हित की अनदेखी […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved