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ऑपरेशन सिंदूर को लेकर DGMO का बड़ा खुलासा, बोले- पाक ने जरा सी देर की होती तो नतीजा कुछ और होता

October 15, 2025

नई दिल्ली । पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले (Terrorist attack) के बाद जब भारतीय सैन्य बलों ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान (Pakistan) और पीओके में स्थित आतंकी संगठनों (terrorist organizations) पर हमला बोला था, तब पड़ोसी देश के साथ चार दिनों तक सैन्य संघर्ष भी हुआ था। इस दौरान भारतीय नौ सेना अरब सागर में आगे बढ़ चुकी थी और पाकिस्तान पर हमला करने वाली थी लेकिन उसे अचानक रोक दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व कर रहे सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई (Director General Lieutenant General Rajeev Ghai) ने मंगलवार को कहा कि मई में चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद, भारतीय नौसेना अरब सागर में पहुँच गई थी और पाकिस्तान पर कार्रवाई के लिए तैयार थी लेकिन तभी पाकिस्तान ने शत्रुता समाप्त करने की गुहार लगा दी। तब दोनों देशों के बीच DGMO स्तर की बातचीत के बाद संघर्षविराम रोक दिया गया था।

संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदान देने वाले देशों (UNTCC) के प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “देवियो और सज्जनो, भारतीय नौसेना भी पूरी तरह से सक्रिय थी। और यह शायद एक ऐसा तथ्य है जो बहुत कम लोगों को पता है कि नौसेना अरब सागर में पहुँच गई थी, और जब डीजीएमओ ने बात की, तो वह पूरी तरह से तैयार थी।” उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने थोड़ी देर और की होती और नरम नहीं पड़ता, तो पड़ोसी देश के लिए परिणाम भयावह हो सकते थे। उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 100 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।


अगर दुश्मन ने इसे और आगे बढ़ाने का फैसला किया होता, तो..
सैन्य अधिकारी ने आगे कहा, “अगर दुश्मन ने इसे और आगे बढ़ाने का फैसला किया होता, तो यह उनके लिए विनाशकारी हो सकता था, और न केवल समुद्र से, बल्कि अन्य भागों से उस पर बड़े हमले होते। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “22 अप्रैल से 6-7 मई की रात के बीच, हमने कई कार्रवाईयाँ की थीं। तब हम अपने लक्ष्यों को प्राथमिकता दे रहे थे। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी सीमाओं पर कुछ एहतियाती तैनातियाँ कीं थीं कि दुश्मन को रोका जा सके। कई अंतर-सेवा सरकारी विभाग और एजेंसियाँ समन्वय कर रही थीं।”

कैसे हुआ था लक्ष्यों का अंतिम चयन
अधिकारी ने बताया कि लक्ष्यों का अंतिम चयन, सेना द्वारा जाँचे गए लक्ष्यों के एक बड़े समूह से किया गया था। उन्होंने कहा, “जब यह सब हो रहा था, तब एक बहुत ही सामंजस्यपूर्ण और सक्रिय सूचना युद्ध अभियान भी चल रहा था।” अधिकारी ने आगे ज़ोर देकर कहा कि “आतंकवाद के ख़िलाफ़ हमारी रणनीति में सैद्धांतिक बदलाव” आया है। उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री ने इस बारे में बात की है। उन्होंने ये तीन बातें कहीं: आतंकवादी हमले एक तरह से युद्ध की कार्रवाई हैं और इनका निर्णायक जवाब दिया जाएगा; हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेंगे; और आतंकवादियों और आतंकवाद के प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं है।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का दूसरा चरण और भी घातक होगा
दूसरी तरफ, सेना की पश्चिमी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के पास भारत से लड़ने की क्षमता नहीं है, लेकिन वह फिर से पहलगाम जैसे हमले करने की कोशिश कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का दूसरा चरण और भी घातक होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, भारत को हजारों जख्म देकर खून बहाने की अपनी नीति पर कायम है और सेना इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस बार हम जो कार्रवाई करेंगे वह पहले से भी जोरदार होगी। यह (ऑपरेशन सिंदूर का अगला चरण) और भी ज़्यादा घातक होगा। इसमें कोई शक नहीं है।’’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का अगला चरण पहले वाले से अधिक घातक होगा।

पाक ऐसी हरकतें करता रहेगा
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान भविष्य में पहलगाम जैसे हमले कर सकता है, उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान की सोच में बदलाव नहीं आएगा, वह ऐसी हरकतें करता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘उसमें हमसे युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं है। वे युद्ध नहीं लड़ना चाहते। वह ‘भारत को हज़ार जख्मों से लहूलुहान करने’ की अपनी नीति के तहत ऐसी हरकतें करता है।’’सैन्य कमांडर ने कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उसकी चौकियां और हवाई अड्डे तबाह कर दिए, लेकिन वह फिर से कुछ (पहलगाम जैसा हमला) करने की कोशिश कर सकता है। हमें तैयार रहना होगा। हम पूरी तरह तैयार हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस बार की कार्रवाई पहले से भी ज़्यादा घातक होगी।’’

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