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पश्चिमी बायपास के जमीन मालिकों को 795 करोड़ की मुआवजा राशि बंटना शुरू

November 12, 2025

  • किसानों से लगातार चर्चा भी, ग्रीन फील्ड कॉरिडोर की बाधाएं भी जल्द होंगी दूर

इंदौर। नेशनल हाईवे द्वारा पश्चिमी बायपास का निर्माण अब जल्द शुरू करवाया जाएगा। दूसरी तरफ प्रशासन ने 795 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि बांटने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सांवेर तहसील से ही 300 करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को दी जा चुकी है। उसी के साथ एसडीएम द्वारा चर्चा कर अधिक से अधिक किसानों की सहमति भी बनाई जा रही है, तो दूसरी तरफ इंदौर से उज्जैन के बीच बनने वाले फोरलेन ग्रीन कॉरिडोर की भी बाधाओं को खत्म करने में प्रशासन जुटा है और जल्द ही भू-अर्जन अवॉर्ड पारित भी कर दिया जाएगा।

नेशनल हाईवे ने पश्चिमी बायपास के लिए 64 किलोमीटर में मार्किंग भी कर दी है, जहां पर रोड का निर्माण किया जाना है। हालांकि एक हिस्से में हाईकोर्ट में स्टे दिया है, जहां पर निजी टाउनशिप की जमीन आ रही है और इसके भूखंड मालिकों ने अदालती शरण ली है कि उनकी जानकारी के बगैर ही नेशनल हाईवे ने मंजूर टाउनशिप की जमीन को भी पश्चिमी बायपास निर्माण में शामिल कर लिया। 7 हजार से अधिक पेड़ों की कटाई भी की जाना है। इंदौर और धार जिले की लगभग 1200 एकड़ से अधिक निजी और सरकारी जमीनें इस पश्चिमी बायपास के लिए अधिग्रहित की जा रही है, जिसमें इंदौर जिले के देपालपुर, हातोद और सांवेर की जमीनें भी शामिल है। धार कलेक्टर ने जहां 200 करोड़ रुपए का अवॉर्ड पारित किया है, तो इंदौर कलेक्टर कार्यालय से 795 करोड़ रुपए के अवॉर्ड कुछ समय पूर्व पारित किए गए और अब संबंधित एसडीएम द्वारा मुआवजा राशि बांटी जा रही है।


हालांकि लगभग एक साल से यह प्रोजेक्ट पिछड़ा हुआ है, क्योंकि भू-अर्जन सहित मार्किंग और अन्य कार्य नहीं हो सके। इसमें देपालपुर तहसील के 5 गांवों के 154 किसानों के 140 करोड़ रुपए, तो हातोद के 12 गांवों के 333 किसानों को 182 करोड़ और सर्वाधिक सांवेर तहसील के 9 गांवों ेक 512 किसानों को 473 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि वितरित की जाएगी। इस तरह कुल 998 किसानों को 795 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि दी जाना है। सांवेर एसडीएम घनश्याम धनगर का कहना है कि लगभग 300 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि तो किसानों को बांट दी गई है, जबकि सोल सिंधा की तरफ न्यायालयीन प्रक्रिया के चलते लगभग 90 करोड़ रुपए की राशि बंटना शेष है और बाकी राशि वारिस विवाद या अन्य कारणों से फिलहाल लम्बित है। मगर अधिकांश किसानों से सहमति भी मिल रही है और इसी तरह फोरलेन ग्रीन फील्ड कॉरिडोर के किसानों से भी निरंतर चर्चा जारी है। दूसरी तरफ नेशनल हाईवे के अधिकारियों का कहना है कि सडक़ निर्माण की एजेंसी तैयार है। अब जल्द ही भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया के साथ सडक़ निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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