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तीन सालों में 455 फीसदी बढ़ गया ड्रग्स का मार्केट, दुनियाभर में हर साल होती है दो लाख मौतें

मुंबई। पिछले कुछ समय से ड्रग्स का कारोबार(drug trade) करने वालों पर एनसीबी(NCB) की सख्त कार्रवाई हुई है. पिछले साल बॉलीवुड में ड्रग्स कनेक्शन (Drugs Connection in Bollywood) सामने आने के बाद एनसीबी(NCB) ने कई पैडलर्स को गिरफ्तार करके कड़ी पूछताछ की है. वहीं, इस अपराध से जुड़े अपराधियों को सजा देने के मामले पिछले 4 सालों में 11 प्रतिशत तक बढ़े हैं. 2020 में नशीले पदार्थों के कारोबार से जुड़े अपराधों में 81.6 प्रतिशत अपराधियों को सजा मिली है. वहीं, दुनियाभर में नशे की वजह से तकरीबन दो लाख मौतें हर साल(Worldwide two million deaths due to drugs every year) होती हैं और भारत (India)में पिछले तीन सालों में ही ड्रग्स का बाजार 455 फीसदी तक बढ़ गया, जोकि चिंतित करने वाला आंकड़ा है.
देश के 2.1 प्रतिशत लोग गैरकानूनी नशीले पदार्थों का सेवन (illegal drug use) करते हैं, जिसमें मिजोरम पहले, पंजाब दूसरे और दिल्ली तीसरे नंबर पर हैं. 44 प्रतिशत ड्रग एडिक्ट्स नशा छोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनमें से 25 प्रतिशत को ही इलाज मिल पाता है. करीब एक करोड़ 3 लाख लोग गांजा या चरस का सेवन करते हैं. नशा करने वाले सबसे ज्यादा लोग सिक्किम में हैं. दूसरे नंबर पर ओडिशा और लिस्ट में तीसरा नंबर दिल्ली का है.
दुनिया के मुकाबले भारत में अफीम से बनने वाले गैरकानूनी नशीले पदार्थों का सेवन ज्यादा होता है. यूएन ऑफिस ऑफ ड्रग एंड कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 में पूरी दुनिया में सप्लाई होने वाले कुल गांजे का 6 प्रतिशत यानी लगभग 300 टन गांजा अकेले भारत में जब्त किया गया था. यही नहीं, साल 2017 में यह मात्रा बढ़कर 353 टन हो गई थी. वहीं, अगर चरस की बात की जाए तो 2017 में 3.2 टन चरस जब्त की गई थी. हालांकि, नशे के कारोबार का सटीक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन अलग-अलग एजेंसियों से जुड़े का अनुमान है कि भारत में इसका सालाना अवैध कारोबार लगभग 10 लाख करोड़ रुपए का है.

पिछले तीन वर्षों में भारत में ड्रग्स का बाजार 455 फीसदी बढ़ा है. देश में ड्रग्स का बढ़ता कल्चर गंभीर समस्या बन चुका है. यूएनओडीसी के वर्ष 2015 के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया भर में करीब 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं. हर साल ड्रग्स के कारण करीब 2 लाख लोग जान गंवा बैठते हैं. जुलाई 2016 में राज्य सभा में पेश किए गए राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो (एनसीबी) के नशे संबंधी आंकड़ों के अनुसार भारत में हर दिन ड्रग्स या शराब के चलते 10 मौतें या आत्महत्याएं होती हैं. इनमें से केवल एक मौत पंजाब में होती है. इन आंकड़ों के मुताबिक ड्रग्स की लत से जुड़ी सबसे ज्यादा आत्महत्याएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में होती हैं.

अफगानिस्तान से होती है नशे की सप्लाई
अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार और नेपाल से हेरोइन, कोकीन और मॉर्फीन भारत के रास्ते दुनिया भर में सप्लाई की जाती है. अफगानिस्तान दुनिया में अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक है. यहां सालाना 5000 से 6000 टन अफीम पैदा होती है. अफगानिस्तान से नाटो सेनाओं की वापसी के बाद इसके उत्पादन में और बढ़ोतरी हुई है. अमेरीका और एशिया यहां की अफीम के सबसे बड़े खरीदार हैं. 2016 में महाराष्ट्र में पुलिस ने 18.5 टन एफेड्रिन बरामद की थी. ब्लड प्रेशर को कम करने वाली इस दवा का इस्तेमाल नशे के लिए भी किया जाता है.

हेरोइन की तेजी से बढ़ रही लोकप्रियता
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया था कि साल 2017 में देश भर से करीब 3.6 लाख किलो नशीली दवा जब्त की गई थी. इसमें बड़ी मात्रा में गांजा मिला है, लेकिन हेरोइन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. वर्ष 2017 में देश भर से 2551 किलो अफीम, 2146 किलो हेरोइन, 3.52 लाख किलो गांजा, 3218 किलो चरस और 69 किलो कोकेन बरामद हुई थी. वर्ष 2013 के बाद कोकेन की ये सबसे बड़ी मात्रा बरामद हुई थी. कोकेन को हाई प्रोफाइल पार्टी ड्रग्स माना जाता है. इसलिए इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है. इसकी तस्करी मुख्य रूप से पश्चिमी अफ्रीका से होती है.

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