
भोपाल । मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) ने बताया कि ब्रिटेन और जर्मनी की यात्रा के दौरान (During the visit to Britain and Germany) मध्य प्रदेश में (In Madhya Pradesh) 78 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले (Proposals worth Rs. 78 thousand crore were received for Investment) ।
मुख्यमंत्री यादव ने ब्रिटेन और जर्मनी की यात्रा से लौटने के बाद आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक पहचान और अधिक सशक्त हो रही है, साथ ही एक अलग छवि बन रही है। उनकी “जो कहते हैं, वह पूरा करके दिखाते हैं” वाली कार्यशैली प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की ग्लोबल लीडर वाली उत्कृष्ट छवि का लाभ मध्य प्रदेश को ब्रिटेन और जर्मनी की छह दिवसीय यात्रा में मिला है। इसी का परिणाम है कि लगभग 78 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव उद्योगपतियों और निवेशकों से प्राप्त हुए हैं। इससे प्रदेश के समग्र विकास और टेक्नो-फ्रेंडली युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
मोहन यादव ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य न केवल निवेश आकर्षित करना था, बल्कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगों, शोध केंद्रों, शिक्षा केंद्रों, सांस्कृतिक केंद्रों का भ्रमण कर उन क्षेत्रों में प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करना था। मध्य प्रदेश को ग्लोबल इन्वेस्टमेंट, टेक्नोलॉजिकल पार्टनरशिप और कल्चरल सेन्टर के रूप में स्थापित करना भी यात्रा का एक उद्देश्य था। उन्होंने बताया कि यात्रा, भारत में मध्य प्रदेश को “फ्यूचर रेडी स्टेट” के रूप में प्रस्तुत करने और विभिन्न सेक्टरों में साझेदारी को बढ़ावा देने के लक्ष्य को देखते हुए की गई। यात्रा में फरवरी 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के प्रसार एवं निवेशकों को आकर्षित करने का समग्र और सशक्त प्रयास भी किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन और जर्मनी की यात्रा में निवेश के लिए फोकस सेक्टर खनिज, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी), नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, खाद्य प्रसंस्करण थे। निवेशकों के साथ राज्य में औद्योगिक, तकनीकी और पर्यावरणीय विकास को गति देने के लिये निवेश को बढावा देने पर गहन चर्चा की गई। जर्मनी में विशेष रूप से तकनीकी अनुसंधान, हरित ऊर्जा, और औद्योगिक विकास पर चर्चा की गई। पर्यावरणीय स्थिरता के साथ उद्योगों को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
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