
डेस्क: भारत के पड़ोसी मुल्क म्यांमार (Myanmar) में भी अशांति बनी हुई है, वहां एक मानवीय सहायता संगठन ‘फ्री बर्मा रेंजर्स’ के निदेशक ने दावा किया था कि सेना के विमान और हेलिकॉप्टर्स (Helicopters) दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश म्यांमार के पूर्वी इलाकों में लगातार हमले कर रहे हैं, जिसमें आम लोगों के मारे जाने का खतरा बना हुआ है तो अब उत्तर-मध्य म्यांमार की एक जेल से भागने की कोशिश कर रहे सात कैदी गोलीबारी (Firing) में मारे गए और 12 अन्य घायल हो गए. भागने की साजिश रचने वाला कैदी भी मारा गया.
म्यांमार के जेल विभाग के एक प्रवक्ता खिन श्वे ने कल बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार को सागाइंग क्षेत्र में कलाय जेल में करीब 50 कैदियों ने तीन सुरक्षा गार्ड को बंधक बनाकर भागने की कोशिश की. इस जेल में लगभग 1,000 कैदी हैं. उन्होंने कहा कि गोलीबारी में मरने वालों में जेल से भागने की साजिश रचने का नेतृत्व करने वाला एक कैदी भी शामिल है. जेल विभाग की ओर से हुई फायरिंग में 7 कैदी मारे गए, जबकि 12 लोग घायल हो गए.
म्यांमार की सेना कर रही हवाई हमले
दूसरी ओर, म्यांमार की सेना पर आरोप है कि वह हवाई और जमीनी हमले करके बड़े पैमाने पर आम नागरिकों को निशाना बना रही है. युद्ध क्षेत्र में करीब तीन महीने रहने वाले एक राहत कर्मी ने इस संबंध में जानकारी दी. एक मानवीय सहायता संगठन ‘फ्री बर्मा रेंजर्स’ के निदेशक डेविड इयुबैंक ने बताया कि सेना के विमान और हेलिकॉप्टर्स पूर्वी म्यांमार के इलाकों में लगातार हमले कर रहे हैं.
इयुबैंक ने कहा, ‘वहां लगातार हमले हो रहे हैं, जहां नागरिकों को चिकित्सीय और खाद्य सहायता मुहैया कराई जा रही है, वह और उनके स्वयंसेवी संघर्ष में फंस गए थे.’ उन्होंने बताया कि जमीन पर भी सैनिक अंधाधुंध गोलाबारी कर रहे हैं, जिससे हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर जा चुके हैं. यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से म्यांमार में संभवत: सबसे भयानक लड़ाई है.
UN ने हिंसक झड़प को देखते हुए इसे गृहयुद्ध माना
म्यांमार की सेना ने पिछले साल लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित आंग सान सू ची की सरकार को बेदखल कर सत्ता पर फिर से कब्जा जमा लिया था. सरकारी ‘म्यांमार एलिन डेली’ अखबार में 24 फरवरी को प्रकाशित एक रिपोर्ट में म्यांमार सेना ने कारेन्नी प्रांत की राजधानी लोइकाव के समीप ‘आतंकवादी समूहों’ का सफाया करने के लिए हवाई हमले और भारी गोलाबारी करने की बात स्वीकार की थी. वहां हो रहे लगातार हिंसक झड़प को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के कुछ विशेषज्ञों ने इसे गृहयुद्ध के रूप में परिभाषित किया है.
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