
इंदौर। अनाज कारोबारी को ब्लैकमेल कर 20 लाख की वसूली के मामले में डीसीपी ने कल एमआईजी थाने के एक आरक्षक को बर्खास्त कर दिया, जबकि टीआई और एसआई की जांच के आदेश दिए हैं। यह थाना और टीआई लोकायुक्त के ट्रैप के बाद भी जांच के घेरे में थे। इस मामले में भी दो जवान और दो एसआई सस्पेंड हो चुके हैं।
थानों में किस तरह भ्रष्टाचार फैला हुआ है, इसका प्रमाण बना है एमआईजी थाना। कुछ माह पहले लोकायुक्त पुलिस ने टीना टेटवाल की शिकायत पर एमआईजी थाने के दो जवानों श्याम जाट व नरेंद्र दांगी को 1500 की रिश्वत लेते ट्रैप किया था। ये उसके पति कपिल को छोडऩे के एवज में यह राशि मांग रहे थे। इस मामले में भी महिला पहले टीआई अजय वर्मा के पास गई थी। उन्होंने उसे दो एसआई के पास भेजा और उन्होंने जवानों के पास।
बाद में लोकायुक्त पुलिस ने दोनों एसआई को भी जांच के बाद आरोपी बनाया था। इसके बाद उनको भी सस्पेंड कर दिया था, वहीं लोकायुक्त पुलिस इस मामले में टीआई की भूमिका की जांच कर रही है। इसी बीच कल डीसीपी संपत उपाध्याय ने एक अनाज व्यापारी को ब्लैकमेल कर 20 लाख की वसूली करने वाले एमआईजी थाने के आरक्षक गोविंद द्विवेदी को एसीपी की जांच के बाद बर्खास्त कर दिया, वहीं टीआई अजय वर्मा और एसआई धीरज वर्मा के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। एक ही थाने में कुछ माह में भ्रष्टाचार के दो मामले सामने आने के बाद टीआई पर गाज गिर सकती है।
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