इस्तांबुल। अफगानिस्तान और पाकिस्तान (Afghanistan-Pakistan) के बीच तुर्की में जारी शांति वार्ता (Türkiye-Peace Talks) विफल होने की कगार पर है। इस बीच अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को बहुत बड़ी चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि अगर पाकिस्तान की ओर से कोई भी हमला किया गया या अफगानिस्तान की धरती पर बमबारी हुई, तो सीधे इस्लामाबाद को निशाना बनाया जाएगा। सुरक्षा सूत्रों ने दावा किया है कि अब से पाकिस्तान के किसी भी हमले का जवाब उसी की भाषा में दिया जाएगा।
बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पार सैन्य और अन्य मुद्दों पर अपने विवाद को सुलझाने के लिए तुर्की में वार्ता अब भी जारी है लेकिन वे अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। ऐसे में तालिबान सरकार की पाक को चेतावनी के कई मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये वार्ता बिना किसी समझौते के ही टूटने की कगार पर है।
हाल ही में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा है, जिसके बाद दोनों देशों ने कतर और तुर्की की मध्यस्थता में शांति वार्ता शुरू की थी। हालांकि, दूसरी दौर की वार्ता तुर्की के इस्तांबुल में शुरू हुई। लेकिन इसके बावजूद, दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बना हुआ है। अफगान पक्ष का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद पर लगाम लगाई जाए, जबकि पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान तालिबान समूहों को शरण दे रहा है।
तुर्की में वार्ता का ड्रामा: 9 घंटे की बैठक बेनतीजा
तुर्की के इस्तांबुल में दूसरी दौर की शांति वार्ता रविवार को नौ घंटे चली, लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हो सका। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जबकि अफगान पक्ष ने पाकिस्तान पर सीमा उल्लंघन और हवाई हमलों का आरोप लगाया। तुर्की और कतर की मध्यस्थता के बावजूद, दोनों पक्षों के बीच गतिरोध गहरा गया। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने वार्ता से पहले चेतावनी दी थी कि अगर इस्तांबुल की बातचीत विफल रही, तो “अफगानिस्तान के साथ खुली जंग छिड़ जाएगी।” दूसरी ओर, अफगान उप गृह मंत्री मावलवी रहमतुल्लाह नजीब के नेतृत्व वाली टीम ने पाकिस्तान को “अवैध रुख” अपनाने का दोषी ठहराया। वार्ता में अफगान शरणार्थियों की जबरन वापसी और व्यापारिक सीमा पर भी विवाद हुआ, जिससे तनाव और बढ़ गया।
सीमा पर तनाव: हवाई हमले और जवाबी कार्रवाई
अक्टूबर की शुरुआत से ही अफगान-पाक सीमा पर हिंसा भड़क उठी है। पाकिस्तान ने काबुल और कंधार में टीटीपी के कथित ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें दर्जनों अफगान सैनिक मारे गए। जवाब में अफगान बलों ने भी कई दर्जन पाक सैनिक मार गिराए। पिछले हफ्ते दोहा में कतर और तुर्की की मध्यस्थता से 48 घंटे का युद्धविराम हुआ था, लेकिन वह भी टूट गया। अब इस्तांबुल वार्ता के असफल होने के बाद दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं। अफगान अधिकारियों ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने फिर से हमला किया, तो “इस्लामाबाद पर कड़ा प्रहार” होगा, जो सीधी राजधानी पर हमले की धमकी है।
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