
आज सुबह शादी की बधाई देने अल्प यात्रा पर आए मुख्यमंत्री बोले – दो सालों में युवाओं, गरीबों, महिलाओं और किसानों के लिए किए उल्लेखनीय कार्य, नक्सल उन्मूलन में भी मिली बड़ी सफलता
इंदौर। मुख्यमंत्री (CM) डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) अपने कार्यकाल के सफलतापूर्वक दो साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर प्रदेशभर में विकास कार्यों (Development works) से जुड़ी गतिविधियां, पत्रकार वार्ताएं हो रही हैं। वहीं आज सुबह अल्प यात्रा पर इंदौर आए मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में युवाओं, महिलाओं, गरीबों और किसानों के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी और कहा कि बालाघाट में नक्सल उन्मूलन के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व सफलता मिली है। कृषि का रकबा दो गुना करने, किसानों की समस्या दो गुनी करने और मेडिकल कॉलेजों की समस्या भी दो गुनी कर दी है। साथ ही रोजगार और निवेश के क्षेत्र में भी कामियाबी मिली और प्रदेशभर में तमाम नए उद्योग भी आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज सुबह एयरपोर्ट से विधायक गोलू शुक्ला के बाणगंगा स्थित निवास पहुंचे और उनके बेटे को शादी की शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। सिर्फ शादी की बधाई देने के लिए ही मुख्यमंत्री इंदौर आए और उसके बाद वे बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए। एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में दो साल की उपलब्धियों की कुछ जानकारी दी। 13 दिसम्बर को उनकी सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री का स्वागत प्रदेश महामंत्री गौरव रणदिवे, शहर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित अन्य प्राधिकारियों ने किया और गोलू शुक्ला के निवास पर इंदौरी रबड़ी भी मुख्यमंत्री को पसंद आई। वहीं कल मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण सहित अन्य विभागों की समीक्षा भी की, जिसमें इंदौर सहित सभी बड़े शहरों में एक्सप्रेस बनाने, इंदौर-भोपाल मेट्रो पॉलिटन की तरक्की के नए रास्ते खोलने के साथ ही रोजगार, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने आगामी तीन वर्ष की कार्य योजना की जानकारी भी दी, जिसमें प्रदेश में पहली बार राज्य वित्त पोषित एक्सप्रेसवे मॉडल के तहत उज्जैन-इंदौर, इंदौर-उज्जैन और भोपाल पूर्वी बायपास जैसे बड़े हाई-स्पीड कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। उज्जैन-सिंहस्थ 2028 के लिए 52 प्रमुख कार्यों पर 12 हज़ार करोड़ रुपये व्यय कर धार्मिक पर्यटन, आस्था स्थलों और शहरी कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जाएगा। प्रदेश में 6-लेन एवं 4-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का व्यापक नेटवर्क विकसित कर औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि मंडियों, लॉजिस्टिक ज़ोन्स और प्रमुख शहरों को तेज़ गति से जोड़ा जाएगा। एनएचएआई के सहयोग से सतना-चित्रकूट, रीवा-सीधी, बैतूल-खंडवा-इंदौर, जबलपुर-झलमलवाड़ जैसे राष्ट्रीय महत्व के हाईवे का विस्तार किया जाएगा। अगले तीन वर्षों में 600 नए लोक कल्याण सरोवर का निर्माण कर सडक़ निर्माण से उत्पन्न मिट्टी का वैज्ञानिक उपयोग और जल-संरक्षण को एकीकृत मॉडल के रूप में लागू किया जाएगा। विभागीय भवनों में 100त्न सौर ऊर्जा अपनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे ऊर्जा लागत में भारी कमी और हरित भवन अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा। सडक़ सुरक्षा पर केंद्रित रोडसाइड एमेनिटीज़, ब्लैकस्पॉट सुधार और इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा। जीआईएस आधारित रोड मास्टर प्लान को पूर्ण रूप से लागू कर भविष्य की सडक़ परियोजनाओं का चयन वैज्ञानिक विश्लेषण, यात्रा दूरी, औद्योगिक आवश्यकताओं और यातायात घनत्व के आधार पर किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली को और सख्त किया जाएगा, जिसमें मोबाइल लैब, त्वरित परीक्षण, ्रढ्ढ आधारित रिपोर्टिंग और डिजिटल मॉनिटरिंग शामिल होगी।

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