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इंदौर में बढ़ रहे चेहरे के लकवे के मामले, ढाई महीने में 165 से अधिक मरीज अस्पताल पहुंचे

December 16, 2025

इंदौर। इंदौर (Indore) में सर्दी के मौसम (Winter Season) की दस्तक के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी (Health Concerns) परेशानियां भी बढ़ने लगी हैं। नवंबर–दिसंबर में तापमान में अचानक आई गिरावट का असर अब सीधे लोगों की सेहत पर दिखाई दे रहा है। वायरल संक्रमण (Viral Infection) के साथ-साथ एमवाय अस्पताल में फेशियल पाल्सी (बेल्स पाल्सी) यानी चेहरे के अचानक लकवे के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

अक्टूबर से दिसंबर के बीच एमवाय अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग में 165 से अधिक मरीज चेहरे के लकवे की शिकायत लेकर पहुंचे, जिनमें से 125 से ज्यादा मरीजों का नियमित इलाज किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक यह संख्या इस मौसम के लिहाज से सामान्य से कहीं अधिक है।


अचानक लटकता चेहरा, आंख बंद न होना—ये हैं शुरुआती संकेत

अस्पताल में आए अधिकतर मरीज चेहरे के एक हिस्से के अचानक लटकने, आंख बंद करने में परेशानी, बोलने में अस्पष्टता, चबाने में दिक्कत और धुंधली नजर जैसी समस्याओं से जूझ रहे थे। ये सभी लक्षण चेहरे की नसों में लकवे के स्पष्ट संकेत माने जाते हैं।

ठंडी हवा और तापमान में बदलाव बना बड़ा कारण

वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. गोयल के अनुसार,

“जो लोग सीधे ठंडी हवा के संपर्क में रहते हैं, एसी या हीटर वाले कमरे से अचानक ठंडे वातावरण में निकलते हैं या खिड़की के पास सोते हैं, उनमें बेल्स पाल्सी का खतरा ज्यादा देखा गया है।”

उन्होंने बताया कि अगर पहले 48 से 72 घंटे के भीतर इलाज शुरू हो जाए, तो लगभग 95 प्रतिशत मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं। लेकिन इलाज में देरी होने पर चेहरे की नसों को स्थायी नुकसान भी हो सकता है।

किशोर और कामकाजी युवा सबसे ज्यादा प्रभावित

डॉक्टरों द्वारा मरीजों के आंकड़ों के विश्लेषण में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
• सबसे ज्यादा मरीज 22 से 42 वर्ष की उम्र के कामकाजी लोग रहे।
• 15 से 18 साल के 26 किशोर भी इस समस्या से प्रभावित पाए गए।

कई किशोरों में लक्षण ठंडी सुबह स्कूल या कोचिंग जाते समय शुरू हुए, जबकि वयस्कों में लगातार ठंडी हवा, बाइक पर लंबी दूरी तय करना और मौसम के प्रति लापरवाही मुख्य वजह बनी।

समय पर इलाज से पूरी तरह ठीक हो सकती है समस्या

डॉ. गोयल ने बताया कि ठंड लगने, वायरल संक्रमण या चेहरे की नस में सूजन के कारण चेहरे का आधा हिस्सा सुन्न हो जाता है। ऐसे मामलों में फिजियोथेरेपी बेहद असरदार साबित होती है। लक्षण बढ़ने पर तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट या ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

डॉक्टरों की सलाह
• ठंडी हवा से चेहरे को बचाएं
• अचानक तापमान बदलाव से बचें
• कान और चेहरे को ढककर रखें
• चेहरे में झनझनाहट या कमजोरी महसूस होते ही डॉक्टर से मिलें

समय पर इलाज ही चेहरे के लकवे से बचाव का सबसे मजबूत उपाय है।

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