
इंदौर। खाद्य-औषधि विभाग ने कल शहर में नकली घी की एक बड़ी फैक्ट्री पकड़ी। यहां से टीम ने 3409 किलो नकली और असली घी के साथ वनस्पति तेल जब्त किया। असली घी के रूप में बेचे जाने वाली इस सामग्री की कीमत 20 लाख से ज्यादा है। चौंकाने वाली बात यह है कि फैक्ट्री मालिक ने इस नकली घी के कारोबार में फंसने से बचने के लिए यहां का लाइसेंस अपने नौकर के नाम पर ले रखा था।
पालदा के हिम्मत नगर में नकली घी के कारोबार की सूचना मिलने पर खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि यहां मदर चॉइस और मिल्क क्रीम सहित आठ अलग-अलग ब्रांड के नाम पर नकली घी तैयार किया जा रहा था। यहां असली घी में बड़ी मात्रा में वेजिटेबल फैट मिलाकर नकली घी तैयार किया जा रहा था। इसके लिए यहां असली घी भी रखा था और वेजिटेबल फैट भी। इसके साथ ही कई कंपनियों के पैकिंग मटेरियल भी मिले। टीम ने यहां से सारी सामग्री जब्त करते हुए फैक्ट्री को सील कर दिया। यहां तैयार होने वाला नकली घी इंदौर के आसपास के शहरों से लेकर राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात तक बेचा जाता था।
पहले पत्नी के नाम पर था लाइसेंस
स्वामी ने बताया कि श्रीराम मिल्क फूड डेरी इंडस्ट्री नाम से संचालित फैक्ट्री का संचालक नरेंद्र गुप्ता है, लेकिन गुप्ता ने वर्तमान में यहां का लाइसेंस अपने नौकर ओमप्रकाश गोरा के नाम से ले रखा था। वहीं इससे पहले गुप्ता ने यहां का लाइसेंस अपनी पत्नी के नाम पर लिया था।
पहले भी पकड़ा जा चुका है गुप्ता
अधिकारियों ने बताया कि कुछ साल पहले भी यहां से खाद्य विभाग ने जांच करते हुए सैंपल लिए थे, जिनकी रिपोर्ट में नकली घी की पुष्टि हुई थी, जिस आधार पर गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। वहीं इसी माह 11 अक्टूबर को भी टीम ने यहां से सैंपल लिए थे, जिनकी रिपोर्ट आना बाकी है। कल भी टीम ने यहां से सैंपल लेकर राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजे हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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