
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine crisis) के चलते कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों (rising crude oil prices) पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार इसके वैकल्पिक स्रोतों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। सीतारमण ने कहा कि निश्चित रूप से कच्चे तेल के दाम में इजाफे का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर होगा।
सीतारमण मंगलवार को बेंगलुरु में आयोजित बजट-बाद परिचर्चा कार्यक्रम काे संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में देश के युवाओं को मान्यता दी गई है। इसमें उनके तकनीकि कौशल और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कदम भी उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी स्वतंत्रता का ये 75वां साल है। आगामी 25 साल देश के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इससे पहले वित्त मंत्री ने यहां आयोजित इंडिया ग्लोबल फोरम के सालाना शिखर सम्मेलन में कहा कि कहा कि हम चाहते हैं कि आरबीआई डिजिटल रुपया जिस तरह चाहे डिजाइन करे। लेकिन यह पूरी संभावना है कि डिजिटल मुद्रा इसी साल लॉन्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल रुपया लाने का निर्णय रिजर्व बैंक के परामर्श के बाद लिया गया है, जिसमें हम स्पष्ट लाभ देखते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत कच्चे तेल की कुल जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा हिस्सा आयात से पूरा करता है। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड करीब 127 डॉलर प्रति बैरल के पर था, जो एक दिन पहले 140 डॉलर के करीब पहुंच गया था। ऐसे में 10 मार्च के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी तय है। (एजेंसी, हि.स.)
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