
नई दिल्ली । भारत(India) और ब्रिटेन(Britain) के बीच रक्षा सहयोग(Defence cooperation) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक अध्याय(Historical chapter) जुड़ने जा रहा है। जिस देश ने कभी भारत में ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ (Royal Indian Air Force)की नींव रखी थी, अब उसी ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स (RAF) के फाइटर पायलटों को भारतीय वायुसेना (IAF) के अनुभवी प्रशिक्षक ट्रेनिंग देंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायुसेना के दो शीर्ष फाइटर पायलट प्रशिक्षक जल्द ही ब्रिटेन के RAF वैली एयरबेस में तैनात होंगे, जो वेल्स के उत्तर-पश्चिम तट पर एंगल्सी द्वीप पर स्थित है। यहां वे ब्रिटिश एयरफोर्स के पायलट कैडेट्स को BAE Hawk T Mk2 एडवांस्ड जेट ट्रेनर विमान पर ट्रेनिंग देंगे। यह वही विमान है जिस पर ब्रिटेन के अगली पीढ़ी के फाइटर पायलट टाइफून और एफ-35 जैसे फ्रंटलाइन जेट्स की तैयारी करते हैं।
तीन साल तक रहेगा प्रशिक्षण कार्यकाल
रॉयल एयर फोर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पहल दोनों देशों के बीच मजबूत होते रक्षा सहयोग की दिशा में अहम कदम है। उन्होंने कहा, “भारतीय प्रशिक्षकों की नियुक्ति की सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन यह अक्टूबर 2026 से पहले नहीं होगी। उनकी यूके में प्रारंभिक ट्रेनिंग और परिचय प्रक्रिया करीब एक वर्ष या उससे कम समय में पूरी हो जाएगी।” इन दोनों भारतीय प्रशिक्षकों का वेतन भारत सरकार द्वारा दिया जाएगा, जबकि ब्रिटेन का रक्षा मंत्रालय उनके रहने की व्यवस्था करेगा। यह प्रशिक्षक RAF वैली में अधिकतम तीन साल तक तैनात रह सकते हैं।
मोदी-स्टार्मर मुलाकात में हुआ समझौता
यह करार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर की हालिया मुंबई यात्रा के दौरान हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे औपचारिक रूप से घोषित किया। इसी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 350 मिलियन पाउंड (करीब ₹3,700 करोड़) का रक्षा सौदा भी हुआ, जिसके तहत ब्रिटेन भारत को हल्के मल्टीरोल मिसाइल सिस्टम मुहैया कराएगा।
रक्षा संबंधों में नया अध्याय
RAF के सूत्रों के मुताबिक, इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ प्रशिक्षण सहयोग नहीं, बल्कि भारत-यूके के सामरिक और राजनीतिक रिश्तों को मजबूत करना भी है। एक RAF अधिकारी ने कहा, “भारतीय प्रशिक्षकों की भागीदारी से दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच बेहतर इंटरऑपरेबिलिटी विकसित होगी, जिससे विश्वास और सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे।”
भारत दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली वायुसेना
‘वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलिट्री एयरक्राफ्ट (WDMMA)’ की रैंकिंग के मुताबिक, अमेरिका और रूस के बाद भारतीय वायुसेना दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली वायुसेना है। ब्रिटेन इस सूची में आठवें स्थान पर है।
रणनीतिक लाभ और ज्ञान-साझा
RAF अधिकारी के अनुसार, “भारतीय ट्रेनरों की भागीदारी से RAF को न केवल सामरिक लाभ मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच तकनीकी और टैक्टिकल ज्ञान का आदान-प्रदान भी बढ़ेगा। अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षकों और कैडेट्स के बीच बातचीत से उड़ान तकनीकों और प्रक्रियाओं का साझा अनुभव विकसित होगा, जो भविष्य की संयुक्त अभियानों में सहायक सिद्ध होगा।”
इस ऐतिहासिक सहयोग को न केवल रक्षा विशेषज्ञों ने सराहा है, बल्कि इसे भारत के बढ़ते वैश्विक सैन्य प्रभाव का प्रतीक भी माना जा रहा है- जहां अब भारतीय पायलट, कभी औपनिवेशिक शक्ति रहे ब्रिटेन के फाइटर पायलटों को उड़ान का पाठ पढ़ाएंगे।
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