
इंदौर (Indore)। भरण-पोषण और संपत्ति को लेकर पिता, पुत्र और परिवार के झगड़े अब मध्यमवर्गीय परिवारों तक सीमित नहीं रह गए है। समृद्ध व शिक्षित कहे जाने वाले परिवारों के प्रकरण तेजी से सामने आ रहे हैं, जिनके निपटाने के लिए तैनात की गई समाधान व समन्वय समिति में पूर्व कुलपति नरेंद्र धाकड़ को भी शामिल किया गया था और उन्होंने कई मंगलवार बैठकर कलेक्टर कार्यालय में पारिवारिक झगड़ों को सुना और कार्रवाई भी की, लेकिन अब उन्हें ही इस समिति के समाधान की जरूरत आन पड़ी है। पूर्व कुलपति डा. नरेंद्र धाकड़ पत्नी अंजना धाकड़ के साथ कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंचे। उन्होंने पुत्र अमित धाकड़ पर मारपीट कर संपत्ति के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कराने के आरोप लगाए। हालांकि 3 घंटे तक उन्हें इंतजार करना पड़ा।
उन्होंने कलेक्टर शिवम वर्मा को शिकायत करते हुए सभी दस्तावेज और सामान दिलाने की मांग की है। डा. धाकड़ का कहना था कि वे परेशान हो चुके हैं और अपना निवास बदल रहे हैं। इसलिए जहां अमित रहता है, उस पालीवाल नगर के घर में रखा मूल सामान और शैक्षणिक शोध आदि सभी दस्तावेज दिलाए जाएं। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को जांच सौंपते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। ज्ञात हो कि कलेक्टर कार्यालय में हर जनसुनवाई में भरण-पोषण व पारिवारिक झगड़े से संबंधित आधा दर्जन से भी ज्यादा मामले पहुंच रहे हैं, जिनका निराकरण करने के लिए कलेक्टर ने सभी एसडीएम को अपने-अपने स्तर पर शिविर लगाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 1 दिन कार्रवाई के बाद अधिकारियो ने पल्ला झाड़ लिया। कल भी धाकड़ दम्पति को एडीएम रोशन राय के वीसी में होने की वजह से उनके कक्ष के बाहर 12.30 से दोपहर 3.30 के बाद तक बैठे रहना पड़ा। बेटे अमित धाकड़ को बुलाकर एडीएम रोशन राय ने सुनवाई की और प्रकरण पुलिस को सौंप दिया है। हालांकि बेटे का कहना है कि पिता अल्जाइमर के पेशेंट हैं और उनका इलाज चल रहा है।
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