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महाकौशल क्षेत्र के चार विधायकों ने सरकार को घेरा

December 05, 2025

  • विधानसभा में उठाया टीआई की कार्यशैली पर सवाल

जबलपुर। शीतकालीन सत्र में खुद के ही चार विधायक से सरकार घिर गई हैं। एक थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पर विधानसभा में सवाल उठाए गए हैं। विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इन विधायकों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उन्होंने एक मामले में अवैध दबाव डाला था। इनमें चारों विधायक महाकौशल के हैं जिनमें तीन विधायक कटनी जिले के और एक विधायक जबलपुर के हैं। इनका आरोप है कि पुलिस ने एक मामले में मिलीभगत कर कार्रवाई की है। इससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव की ओर से मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है। इन विधायकों में मुड़वारा के विधायक संदीप जायसवाल, विजयराघवगढ़ के विधायक संजय पाठक, बहोरीबन्द रीठी के विधायक प्रणय पांडे और जबलपुर उत्तर के विधायक अभिलाष पांडे शामिल हैं।

विधायकों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
विधायकों ने बताया कि कटनी के माधवनगर थाना प्रभारी ने शुभम त्रिपाठी से अवैध दबाव डाला था। पुलिस ने पुलिस हिरासत में शुभम से एक जनप्रतिनिधि का नाम लेने को कहा था। यह तब हुआ जब नाजिम खान के घर की नाम पट्टिका जलाने का मामला सामने आया था। पुलिस ने मामले को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और आरोप लगाए थे। इस घटना में पुलिस और नाजिम खान के बीच कथित मिलीभगत का आरोप है।


मुख्यमंत्री ने दिया जांच का आश्वासन
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सदन में जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जांच में सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों की पुन: जांच की जाएगी। इसके साथ ही, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने दबाव डालने की कोशिश की
ध्यानाकर्षण से मिली जानकारी के अनुसार मामला कटनी का है। यहां हाउसिंग बोर्ड अग्निकांड में पुलिस ने शुभम त्रिपाठी को हिरासत में लिया था। इस दौरान टीआई की मौजूदगी में कांग्रेस के नेता और पूर्व हथियार सप्लायर ने दबाव डाला था। यह दबाव कथित तौर पर एक जनप्रतिनिधि का नाम लेने के लिए बनाया गया था।

दर्ज मामला सही नहीं
विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना ठोस साक्ष्य के शुभम त्रिपाठी पर मामला दर्ज किया था। इसके अलावा, शुभम और उनके परिवार को प्रताडि़त किया गया था। शुभम का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, फिर भी उन्हें आरोपित किया गया था।

निष्पक्ष जांच की मांग
विधायकों ने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो। इसके साथ ही, शुभम त्रिपाठी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को हटाए जाएं।

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