
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal division) में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Prime Minister’s Life Jyoti Insurance Scheme) में करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। EOW (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने इस पूरे घपले का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि आरोपियों ने जीवित लोगों को मृत और मृत लोगों को पहले जीवित और फिर मृत बताते हुए करोड़ों रुपए की इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। EOW ने गुप्त सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया और इस रैकेट से जुड़े 14 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है। एजेंसी का कहना है कि इन लोगों द्वारा अबतक तीन जिलों में 20 करोड़ रुपए गलत तरीके से निकालने की जानकारी मिली है, वहीं आगे की जांच जारी है।
MP EOW ने बताया कि टीम को ग्वालियर व चंबल संभाग में कुछ व्यक्तियों द्वारा संगठित गिरोह बनाकर सरकार की इस योजना में धोखाधड़ी करते हुए करोड़ों रुपए हड़पने की जानकारी मिली थी, इसके बाद एजेंसी द्वारा जांच की गई, जिसमें पाया गया कि मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा अभी तक 325 प्रकरण एवं SBI लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा 679 प्रकरणों कुल 1004 फर्जी क्लेम प्रकरणों का भुगतान किया गया, जिससे आरोपियों ने लगभग 20 करोड़ रूपए का भुगतान प्राप्त किया। इसके साथ ही EOW ने कहा कि शेष बीमा कंपनियों से रिकॉर्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है।
बता दें कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसमें मात्र 436 रूपए सालाना प्रीमियम देने पर समाज के गरीब व निम्न वर्ग के व्यक्तियों को प्राकृतिक या आकस्मिक मृत्यु होने पर 2 लाख रूपए का बीमा सुरक्षा प्रदान की जाती है। बीमाधारक की मृत्यु होने पर 2 लाख रूपए का भुगतान नॉमिनी के खाते में होता है। इस योजना का फायदा उठाने के लिए पात्र व्यक्ति बैंकों या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
EOW ने बताया कि जांच के दौरान ग्वालियर/चम्बल संभाग में कार्यरत 8 बीमा कंपनियों (1) न्यू इंडिया इंश्यारेंस कंपनी (2) स्टार यूनियन डाईची लाइफ इंश्योरेंस (3) भारतीय एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (4) ICICI प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (5) मैक्सेस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (6) यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (7) SBI लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (8) LIC इंडिया से जनवरी 2020 से दिसम्बर 2024 तक 5 साल की अवधि के उन प्रकरणों की जानकारी मांगी गई है, जिनकी बीमा क्लेम राशि के 2,00,000/- रूपए का भुगतान नॉमिनी के खाते में किया गया था।
इस तरह दिया फर्जीवाड़े को अंजाम
EOW ने बताया कि इस धोखाधड़ी को अंजाम देने वाले आरोपियों ने जिनमें कुछ बीमा एजेंट भी शामिल हैं, उन्होंने पंचायत सचिव से मिलकर ऐसे व्यक्तियों की तलाश की जिनकी मृत्यु हो चुकी थी। इसके बाद उनके परिजनों को बीमा राशि अथवा सरकार से सहायता के नाम पर मूल दस्तावेज प्राप्त करते हुए मृतक को जीवित दिखाकर पहले उसका बैंक अकाउंट खोला, और पुनः फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र तैयार कराकर बीमा क्लेम प्राप्त किया। फर्जी क्लेम से भुगतान की राशि प्राप्त करन के लिए अन्य बीमा कंपनियों एवं बैंकों से जानकारी प्राप्त की जा रही है।
EOW ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक प्रेसनोट शेयर करते हुए जानकारी दी और कहा ‘आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, मध्यप्रदेश द्वारा ग्वालियर एवं चंबल संभाग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रों का उपयोग कर करोड़ों रूपए की धोखाधड़ी कर शासन को आर्थिक क्षति कारित करने वाले सक्रिय गिरोह का पर्दाफाश कर अपराध पंजीबद्ध किया है।
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