
नई दिल्ली. फ्रांस (France) का राफेल (Rafale) फाइटर जेट ( fighter jet ) एक बार फिर सुर्खियों में है. फिनलैंड में हुए अटलांटिक ट्राइडेंट 25 युद्धाभ्यास (Maneuvers) में राफेल ने अमेरिका ( American ) के F-35 लाइटनिंग II को ‘किल लॉक’ (Kill Lock ) करके हराने का कारनामा किया. किल लॉक मतलब दुश्मन का फाइटर जेट आपके फाइटर जेट की मिसाइल के निशाने पर आ जाता है. उससे बच नहीं सकता.
F-35 पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ जेट है, उसे 4.5 जेनरेशन के राफेल ने लॉक किया. यह उपलब्धि इसलिए खास है, क्योंकि इससे पहले 2009 में राफेल ने F-22 रैप्टर को भी युद्धाभ्यास में हराया था. आइए, इस रोमांचक घटना को समझते हैं.
अटलांटिक ट्राइडेंट 25: क्या हुआ?
16 से 27 जून 2025 तक फिनलैंड ने अटलांटिक ट्राइडेंट 25 नामक एक बड़े सैन्य अभ्यास की मेजबानी की. यह पहली बार था जब यह अभ्यास फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन के बाहर हुआ. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और फिनलैंड की वायुसेनाओं ने हिस्सा लिया. इस दो सप्ताह के अभ्यास का मकसद था चौथी और पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स के बीच तालमेल बढ़ाना और युद्ध की स्थिति में उनकी क्षमता को परखना.
इस अभ्यास में शामिल विमान थे…
अमेरिका: F-35A लाइटनिंग II, F-15E स्ट्राइक ईगल और KC-135 स्ट्रैटोटैंकर.
फ्रांस: राफेल, E-3F AWACS, A330 MRTT और A400M ट्रांसपोर्ट.
ब्रिटेन: यूरोफाइटर टाइफून.
फिनलैंड: F/A-18 हॉर्नेट.
कुल मिलाकर, 40 से ज्यादा विमान और 1,000 सैन्य कर्मी इस अभ्यास में शामिल थे. यह अभ्यास फिनलैंड के पिरक्काला, रोवानेमी, हल्ली, कुओपियो और ज्यवास्क्यला एयरबेस पर हुआ.
राफेल का कमाल: F-35 पर लॉक
20 अगस्त 2025 को फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया. इस वीडियो में एक राफेल पायलट ने इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) सिस्टम का इस्तेमाल करके F-35 को बेसिक फाइटिंग मैन्यूवर (BFM) यानी डॉगफाइट में लॉक किया. वीडियो के 15वें सेकंड में राफेल का टारगेट एक्विजिशन सिस्टम F-35 को लॉक करता दिखता है, जो एक सिमुलेटेड किल को दर्शाता है.
डॉगफाइट का मतलब है नजदीकी हवाई युद्ध, जहां पायलट तेजी से अपने विमान को घुमाकर दुश्मन पर निशाना साधते हैं. राफेल ने अपनी मैन्यूवरेबिलिटी की बदौलत F-35 को हराया. विशेषज्ञों के अनुसार, F-35 को राफेल के रडार लॉक का अलर्ट उसके रडार वॉर्निंग रिसीवर (RWR) पर मिला होगा.
यह ध्यान देना जरूरी है कि युद्धाभ्यास में किल का मतलब असली मिसाइल दागना नहीं, बल्कि रडार लॉक करना हैयह उपलब्धि इसलिए बड़ी है, क्योंकि F-35 को पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ जेट माना जाता है, जो रडार से बचने में माहिर है.
राफेल बनाम F-22: 2009 की कहानी
यह पहली बार नहीं है जब राफेल ने अमेरिकी स्टील्थ जेट को हराया. नवंबर 2009 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में हुए एक युद्धाभ्यास में राफेल ने F-22 रैप्टर, जो दुनिया का सबसे उन्नत फाइटर जेट माना जाता है, उसे भी हराया था. उस अभ्यास में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और UAE की वायुसेनाएं शामिल थीं.
F-22 ने कई राफेल जेट्स को हराया, लेकिन एक फ्रांसीसी पायलट ने अपने राफेल को 9G तक पुश करके F-22 को लॉक कर लिया और सिमुलेटेड किल स्कोर किया. फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने बाद में एक वीडियो जारी किया, जिसमें राफेल का इन्फ्रारेड-गाइडेड मीका मिसाइल F-22 को लॉक करता दिखा.
राफेल की ताकत
राफेल एक 4.5 पीढ़ी का मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे डैसो एविएशन ने बनाया है. यह हवाई वर्चस्व, जमीनी हमले, टोही और न्यूक्लियर डिटरेंस जैसे कई मिशनों में सक्षम है. इसकी खासियतें हैं…
RBE2 AA AESA रडार: यह अत्याधुनिक रडार कई लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक करता है.
इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST): यह स्टील्थ जेट्स को उनकी गर्मी के आधार पर पकड़ता है.
मीका और मीटियोर मिसाइल्स: ये हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम हैं.
चपलता: डेल्टा विंग और कैनार्ड डिजाइन इसे बेहद फुर्तीला बनाते हैं.
सेल्फ-डिफेंस सिस्टम: यह दुश्मन के रडार और मिसाइलों से बच सकता है.
राफेल का यह प्रदर्शन दिखाता है कि यह F-35 और F-22 जैसे स्टील्थ जेट्स के खिलाफ नजदीकी युद्ध में बेहद प्रभावी है.
क्यों है यह खबर अहम?
फ्रांस की मार्केटिंग रणनीति: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों राफेल को F-35 के विकल्प के रूप में यूरोप में बढ़ावा दे रहे हैं. यह वीडियो उनकी स्व-निर्भरता की रणनीति को बल देता है.
नाटो में प्रतिस्पर्धा: हालांकि अमेरिका और फ्रांस नाटो सहयोगी हैं, उनके फाइटर जेट्स निर्यात बाजार में प्रतिद्वंद्वी हैं. F-35 को कई देशों ने चुना, लेकिन राफेल की यह जीत उसकी विश्वसनीयता बढ़ाती है.
भारत का गर्व: भारत ने 36 राफेल जेट्स खरीदे हैं. यह उपलब्धि भारतीय वायुसेना के लिए गर्व का विषय है.
राफेल बनाम F-35: तकनीकी तुलना
राफेल (4.5 पीढ़ी): मैन्यूविरीबिलिटी, मल्टीरोल क्षमता और कम लागत इसका मजबूत पक्ष है. यह नजदीकी युद्ध में बेहतर है.
F-35 (5वीं पीढ़ी): स्टील्थ, लंबी दूरी के रडार और डेटा फ्यूजन में माहिर. यह बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) युद्ध के लिए डिजाइन किया गया है, जहां यह दुश्मन को दूर से निशाना बना सकता है.
फिनलैंड की घटना से पता चलता है कि डॉगफाइट में राफेल की चपलता F-35 की स्टील्थ तकनीक पर भारी पड़ सकती है. हालांकि, आधुनिक युद्ध में BVR ज्यादातर इस्तेमाल होता है, जहां F-35 का दबदबा है.
भविष्य की संभावनाएं
राफेल की बिक्री: फ्रांस राफेल को पुर्तगाल, कोलंबिया और अन्य देशों में बेचने की कोशिश कर रहा है. यह जीत उनकी मार्केटिंग को मजबूत करेगी.
भारत में राफेल: भारतीय वायुसेना के लिए यह खबर उत्साहजनक है. भारत MRFA (मल्टी-रोल फाइटर एयरक्राफ्ट) डील के तहत और राफेल खरीद सकता है.
नाटो का तालमेल: यह अभ्यास दिखाता है कि नाटो देश एक साथ मिलकर युद्ध की तैयारी कर रहे हैं, खासकर रूस और चीन जैसे प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ.
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