
भोपाल। निजी कार से दिल्ली, इंदौर, कानपुर व जयपुर आदि शहरों तक लंबी दूरी का सफर करने वालों की आदत इन दिनों महंगे ईधन के कारण बदलती दिखाई दे रही है। अब तक ऐसे आम आदमी जो रईसी का प्रदर्शन करने के लिए ही सही, मगर जैसे-तैसे कार से ही अनिवार्य सफर करते थे। उनका मिजाज अब पेट्रोल-डीजल की महंगाई के कारण धीरे-धीरे बदलने लगा है। युवा वर्ग का कार से होने वाला सैर सपाटा सीमित हो गया है। वहीं कामकाजी लोग भी अब बड़े शहर जाने के लिए कार के बजाय ट्रेन या अन्य सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करना मुफीद मान रहे हैं। हालांकि सक्षम वर्ग (अपर मिडिल क्लास व उससे ऊपर) का जीवन बसर करने वाले लोगों को शायद इतना फर्क महंगाई से नहीं पड़ता। मगर निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को लिए कार से लंबा सफर करना अफोर्डेबल नहीं रहा। ऐसे में कई लोगों ने तो अपनी कार को कवर उठा कर रख दिया है।
महंगाई का समीकरण
कोरानाकाल से पहले, फरवरी 2020 में पेट्रोल 81.26 रुपये एवं डीजल 72.29 रुपये प्रतिलीटर था। मार्च 2020 में तो पेट्रोल 78.16 व डीजल 68.92 प्रतिलीटर ही था। मगर अब 19 फरवरी 2021 को पेट्रोल 98.07 रुपये व डीजल 88.72 रुपये प्रतिलीटर हो गया है। ऐसे में फरवरी 2020 से अब तक पेट्रोल 16.81 रुपये व व डीजल 16.43 रुपये प्रतिलीटर महंगा हो गया है। जबकि मार्च 2020 से गणना की जाए तो पेट्रोल 19.91, डीजल 19.80 रुपये महंगा हो गया है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को 1000 किलोमीटर सफर करना है और उसकी कार 15 किलोमीटर प्रतिलीटर का एव्रेज देती है। तो उसे 66.66 लीटर ईंधन भरवाना होगा। पेट्रोल 6538 व डीजल 5914 रुपये का आएगा। जबकि फरवरी में इतना ही सफर करने के लिए पेट्रोल पर 1120 व डीजल पर 1095 रुपये कम खर्च करना पड़ते थे। टोल टैक्स भी लगातार महंगा हो रहा है।
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