
नई दिल्ली: गौतम अडानी (gautam adani) की कंपनी अडनी पावर और भूटान की सरकारी कंपनी ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Druk Green Power Corporation Limited) ने मिलकर एक बड़ा कदम उठाया है. दोनों ने भूटान में 570 मेगावाट की वांगछू जल विद्युत परियोजना के लिए शेयरधारक समझौता साइन किया है. साथ ही, पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) पर भी प्रारंभिक सहमति बन गई है. इसमें 6,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
भूटान की रॉयल गवर्नमेंट के साथ इस प्रोजेक्ट के लिए कन्सेशन एग्रीमेंट भी साइन हुआ है. ये सारे एग्रीमेंट्स भूटान के पीएम दाशो शेरिंग तोबगे और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की मौजूदगी में हुए. ये डील अडानी पावर और DGPC को BOOT मॉडल पर वांगछू जलविद्युत प्रोजेक्ट को शुरू करने का रास्ता साफ करती है.
इस प्रोजेक्ट में रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट और उससे जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए करीब 60 अरब रुपये का इनवेस्टमेंट होगा. डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और कंस्ट्रक्शन 2026 की पहली छमाही में शुरू होने की उम्मीद है. इसे 5 साल में पूरा करने का टारगेट है. अडानी पावर के सीईओ एसबी ख्यालिया ने कहा कि भूटान सस्टेनेबल डेवलपमेंट में ग्लोबल लीडर है. हम इस रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट के जरिए भूटान के नेचुरल रिसोर्सेज को डेवलप करने में हिस्सा लेने के लिए एक्साइटेड हैं. वांगछू प्रोजेक्ट भूटान की सर्दियों में बिजली की डिमांड को पूरा करेगा, जब हाइड्रोपावर प्रोडक्शन कम होता है. गर्मियों में ये भारत को पावर एक्सपोर्ट करेगा.
DGPC के मैनेजिंग डायरेक्टर दाशो छेवांग रिनजिन ने कहा कि भूटान और भारत 1960 से हाइड्रोपावर में साथ काम कर रहे हैं. ये कोलैबोरेशन दोनों देशों के लिए फायदेमंद रहा है. भूटान 2040 तक 15,000 मेगावाट हाइड्रोपावर और 5,000 मेगावाट सोलर पावर की अतिरिक्त क्षमता डेवलप करना चाहता है. अडानी ग्रुप की टेक्निकल और फाइनेंशियल स्ट्रेंथ के साथ, ये प्रोजेक्ट तेजी से पूरा होगा और भविष्य की प्रोजेक्ट्स के लिए बेंचमार्क सेट करेगा. ये प्रोजेक्ट मई 2025 में अडानी ग्रुप और DGPC के बीच हुए MoU का हिस्सा है, जिसमें भूटान में 5,000 मेगावाट हाइड्रोपावर डेवलपमेंट का प्लान है. दोनों अब अगली प्रोजेक्ट्स के लिए डिस्कशन में जुटे हैं.

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