वॉशिंगटन। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के तहत स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर द्वारा शुक्रवार देर रात सूर्य से कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के बाद आज यानि शनिवार 30 अक्टूबर के लिए जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म वॉच जारी की गई है। इसका असर यह होगा कि शनिवार को पृथ्वी से एक जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म (Geomagnetic Storm) या भू-चुंबकीय तूफान टकरा सकता है, हालांकि कहा जा रहा है कि इस तूफान से इंसानों को परेशानी नहीं होगी, लेकिन जीपीएस और संचार व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इस तूफान का खास असर अमेरिका में देखने को मिल सकता है।
गुरुवार को सूर्य के पांच क्लस्टर्स में से एक बिंदु से लाखों टन आयोनाइज्ड गैस निकलने की खबर है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने जानकारी दी है कि गुरुवार को सूर्य से X1 क्लास फ्लेयर (चमक) निकली। नासा का कहना है कि X क्लास सबसे तीव्र चमक को दिखाती हैं. हालांकि, X2, X3 इससे भी ज्यादा तीव्र होती हैं। सूर्य में हुई इस गतिविधि के चलते रेडियो व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूर्य में जिस जगह से ये फ्लेयर निकली है, उसका नाम AR2887 है. फिलहाल, यह सूर्य के केंद्र में है और इसकी दिशा पृथ्वी की तरफ है. जानकारी मिली है कि सोलर फ्लेयर से निकलने वाली खतरनाक रेडिएशन पृथ्वी के वातावरण से नहीं गुजर सकता है, जिससे इंसानों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन ये रेडिएशन वायुमंडल के उस हिस्से में उथल-पुथल मचा सकती हैं, जहां जीपीएस और संचार के सिग्नल काम करते हैं। जब ये तीव्र चमक का लक्ष्य सीधा पृथ्वी होती है, तो इनके साथ सौर्य कणों का एक विस्फोट भी हो सकता है। इसे कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। इस सौर्य तूफान को ऐसी घटनाओं के पैमाने पर G3 माना गया है। अच्छी खबर यह है कि पावर ग्रिड के संबंध में इस स्तर को लेकर चिंता की बात कम है।
Brighter than a shimmering ghost, faster than the flick of a black cat’s tail, the Sun cast a spell in our direction just in time for Halloween!☀️💥 🎃
This week, the Sun produced a flurry of explosions, ending with an X1-class flare.
Highlights here: https://t.co/0dHtU1gOEP pic.twitter.com/dmh6y71cRA
— NASA Sun & Space (@NASASun) October 29, 2021
अंतरिक्ष मौसम की घटनाओं पर नज़र रखने वाले यूएस स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (SWPC) के अनुसार, X1-क्लास फ्लेयर ने दक्षिण अमेरिका पर पृथ्वी-केंद्रित के सूर्य के किनारे पर एक अस्थायी, फिर भी मजबूत रेडियो ब्लैकआउट का कारण बना। स्पेसवेदर डॉट कॉम ने बताया कि फ्लेयर की उत्पत्ति एआर 2887 नामक सनस्पॉट से हुई, जो वर्तमान में सूर्य के केंद्र में स्थित है और पृथ्वी का सामना कर रहा है।
नासा का कहना है कि शनिवार को X1-फ्लेयर के भी पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराने की संभावना है।
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