
नई दिल्ली । वैश्विक नेताओं (Global Leaders) ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को (To former Prime Minister of India Dr. Manmohan Singh) श्रद्धांजलि दी (Paid Tribute) । मालदीव और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों सहित दुनिया भर के नेताओं ने आर्थिक प्रगति और कूटनीति में उनके असाधारण योगदान को याद करते हुए संवेदना व्यक्त की।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से जारी बयान में कहा गया, “संयुक्त राज्य अमेरिका पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करता है। डॉ. सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे और उनके काम ने पिछले दो दशकों में हमारे देशों द्वारा एक साथ मिलकर हासिल की गई अधिकांश उपलब्धियों की नींव रखी। अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका-भारत संबंधों की क्षमता में एक बड़ा निवेश किया। स्वदेश में, डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिसने भारत के तेज आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया। हम डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं और अमेरिका व भारत को एक साथ लाने के लिए उनके समर्पण को हमेशा याद रखेंगे।”
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने गुरुवार (शुक्रवार की सुबह, भारतीय समयानुसार) को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और आईबीएसए (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) वार्ता मंच तथा ब्रिक्स समूह की स्थापना में उनके योगदान को याद किया। ब्राजील के राष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा, “मेरे मित्र, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर मेरी संवेदनाए्ं। 21वीं सदी के पहले दशक में हमने अपने देशों के बीच संबंध बढ़ाने और एक न्यायपूर्ण दुनिया बनाने के लिए मिलकर काम किया। सिंह ने आईबीएसए के निर्माण – ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत को एक साथ लाने, और ब्रिक्स की स्थापना में भाग लिया। 2012 में, जब मैं राष्ट्रपति नहीं था, हम नई दिल्ली में मिले और विकास, गरीबी, भूख से निपटने और ग्लोबल साउथ में सहयोग के बारे में बहुत सारी बातें कीं। भारत के लोगों, परिवार, दोस्तों और मनमोहन सिंह के साथियों के प्रति मेरी सहानुभूति।”
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में डॉ. सिंह को अफगानिस्तान के लोगों का एक अटूट सहयोगी और मित्र बताया। करजई ने लिखा, “भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक अटूट सहयोगी और मित्र थे। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, सरकार और भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।”
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी एक्स पर दुख जताते हुए मनमोहन सिंह को दयालु पिता और मालदीव के प्रिय मित्र के रूप में चित्रित किया। नशीद ने लिखा, “मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मुझे हमेशा उनके साथ काम करना अच्छा लगता था और वह एक दयालु पिता की तरह थे। वह मालदीव के अच्छे मित्र थे।”
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भारत-रूस संबंधों में पूर्व प्रधानमंत्री के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक्स पर कहा, “यह भारत और रूस के लिए बहुत दुख और शोक का क्षण है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अतुलनीय था। उनका सौम्य व्यवहार हमेशा आकर्षक रहा, क्योंकि एक अर्थशास्त्री के रूप में उनकी विशेषज्ञता और भारत की प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता था।”
मनमोहन सिंह का 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे। भारत के 1991 के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में विख्यात, वित्त मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल ने भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया, इसकी नीतियों का आधुनिकीकरण किया और राष्ट्र को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एकीकृत किया। अपनी विनम्रता, बुद्धिमत्ता और सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण के लिए याद किए जाने वाले डॉ. सिंह अपने पीछे प्रगति और समृद्धि की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं जो दुनिया भर के नेताओं को प्रेरित करती रहती है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। वो 92 साल के थे। उन्हें गुरुवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स में भर्ती कराया गया था।
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