
भोपाल। ग्वालियर (Gwalior) में गोडसे (Godsey) का मंदिर (Temple) बनाने वाले हिंदू महासभा के बाबूलाल चौरसिया (Babulal Chourasiya) के कांग्रेस में शामिल होने के बाद मप्र में कांग्रेस (Congress) दो फाड़ होती दिख रही है। चौरसिया ने आज सुबह ग्वालियर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के आगे मत्था टेका। साथ ही बयान जारी किया कि वे जन्मजात कांग्रेसी हैं। वे कांग्रेस से पार्षद भी रह चुके हैं। पिछले कार्यकाल में पूर्व पीसीसी (PCC) चीफ अरुण यादव (Arun Yadav) ने उनका टिकट काटा तो उन्होंने कांग्रेस Congress) छोड़ दी थी। चौरसिया को कांग्रेस (Congress) में शामिल कराने में अहम भूमिका विधायक प्रवीण पाठक (Praveen Pathak) की मानी जा रही है। शुक्रवार को पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने चौरसिया का खुला विरोध किया और सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दे डाली। इसके बाद कांग्रेस (Congress) नेताओं के यादव के पक्ष एवं विरोध में बयान आए। चौरसियों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद मप्र कांग्रेस दो फाड़ होती दिख रही। इस बीच चौरसिया ने सालों पुराने वे सर्टिफिकेट जारी किए हैं, जो इंदिरा गांधी (Indra Gandhi) और राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) के समय उन्हें प्रशंसा में दिए गए थे।
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