
नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister Kiren Rijiju) ने कहा कि चुनाव सुधारों पर (On Electoral Reforms) सरकार बिना शर्त चर्चा के लिए तैयार है (Government ready for unconditional Discussion) । मंगलवार को विपक्ष ने नियम 267 के तहत एसआईआर पर चर्चा कराने पर जोर दिया, जबकि सरकार ने विपक्ष से सदन की निर्धारित कार्यसूची के अनुरूप आगे बढ़ने की अपील की।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में कहा कि सरकार विपक्ष की मांगों को देखते हुए चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन इसे अन्य सभी निर्धारित कार्यों से ऊपर रखने की शर्त स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं कि सभी माननीय सदस्य धैर्यपूर्वक बैठे हैं। सरकार चुनाव सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष यह शर्त न लगाए कि इसे बाकी अन्य सभी संसदीय कार्यों से पहले लिया जाए।”
उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जानी है। पहली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सरकार ने वंदेमातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा था, और यह चर्चा सूची में शामिल है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव सुधार भी महत्वपूर्ण विषय है, जबकि वंदेमातरम् स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा मुद्दा है। वहीं, कई सदस्य अपने-अपने राज्यों से जुड़े मुद्दे भी उठाना चाहते हैं। इसलिए सभी विषयों को क्रम से लेने देना चाहिए।
उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि कृपया यह जोर न दें कि यह चर्चा किसी निश्चित समयसीमा में ही कराई जाए। सरकार तैयार है, लेकिन सदन को सूचीबद्ध कामकाज पूरा करने दीजिए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि नियम 267 के तहत दिए गए गई नोटिस को सर्वोच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो भी कार्यसूची सदन के सामने है, उसे एक तरफ रखा जा सकता है। नियम 267 कहता है कि अन्य सभी कामकाज रोककर पहले उसी मुद्दे पर चर्चा कराई जाए जिसके लिए नोटिस दिया गया है। इसलिए हमने 267 के तहत एसआईआर पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। यह विषय जरूरी व त्वरित चर्चा के लिहाज से महत्वपूर्ण है। यदि इस विषय को प्राथमिकता नहीं देनी होती तो नोटिस देने की आवश्यकता ही क्यों पड़ती?
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