
बेंगलुरु । कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने शुक्रवार को हिजाब विवाद (Hijab Controversy) पर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार (State Government) को इस बात पर ध्यान देने का निर्देश दिया (Directs) कि उसके अंतरिम आदेश का उल्लंघन न हो (Not to Violate Interim Order) ।
मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्देश तब दिया, जब हिजाब के समर्थन में छात्राओं की ओर से एक अधिवक्ता ने पीठ के संज्ञान में लाया कि अंतरिम आदेश के बाद से मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है।
अधिवक्ता ताहिर ने अदालत के समक्ष कॉलेजों के परिसर में किसी भी धार्मिक प्रतीकों पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश पर स्पष्टता प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने दलील दी कि यह आदेश उर्दू स्कूलों में भी लागू किया जा रहा है, जहां सभी छात्र और शिक्षक मुस्लिम हैं।
उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेशों का पालन करते हुए छात्रों को ऐसे कॉलेजों और स्कूलों के बाहर हिजाब और बुर्का हटाने के लिए कहा जा रहा है। हिजाब पहनने वाले शिक्षकों को भी अधिकारी यह कहकर रोक रहे हैं कि वे हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभाग इस संबंध में आदेश पारित कर रहे हैं।
पीठ ने अधिवक्ता से इस मामले में लिखित जवाब देने को कहा और सरकार को यह देखने का निर्देश दिया कि अंतरिम आदेशों का उल्लंघन न हो।
सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवादगी ने अदालत को आश्वासन दिया कि यह देखा जाएगा कि अंतरिम आदेश का एक भी उल्लंघन न हो। इस मामले को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
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