
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय बजट 2022-23 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि समृद्ध, शक्तिशाली और विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रस्तुत किए गए इस बजट से अधो-संरचना विकास को गति मिलेगी। अधो-संरचना विकास के लिए बजट में 35 प्रतिशत राशि बढ़ाई गई है। इससे अधो-संरचना विकास के साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे। बजट में राज्यों को भी अधिक धनराशि प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। यह धनराशि राज्यों के अधोसंरचना विकास में लगेगी, जिससे राज्यों में भी रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।
बजट में आत्म-निर्भर भारत की अभिव्यक्ति: देवड़ा
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट 2022 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में तेजी से आकार ले रहे आत्म-निर्भर भारत की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि यह बजट हर नागरिक और अर्थ-व्यवस्था के नये क्षेत्रों को पूरा करने वाला बजट है। उन्होंने दूरदृष्टिपूर्ण बजट प्रस्तुत करने के लिये केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि बजट भविष्य की डिजिटल इकॉनामी के लिये स्पष्ट सोच के साथ उठाया गया सुविचारित कदम है। देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस आत्म-विश्वास, दूर-दृष्टि और स्पष्ट नीतियों से चुनौतियों से भरे समय को पार किया है वह गर्व करने योग्य है। आज हर नागरिक आत्म-विश्वास से भरा है और भारत के नव-निर्माण में योगदान देने के लिये तैयार है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता। संकट के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निर्यात में भारत मजबूत स्थिति में है। यह प्रधानमंत्री के नेतृत्व का ही परिणाम है।
आम बजट पूरी तरह से निराशाजन: कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार का आज पेश आम बजट पूरी तरह से निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि महज़ आंकड़ों की बाजीगरी से भरा व एक बार फिर झूठे सपने दिखाने वाला साबित हुआ है। इस बजट में किसी भी वर्ग के लिए कुछ नहीं है। आमजन इनकम टैक्स स्लैब में छूट बढ़ाने की मांग बड़े लंबे समय से कर रहे थे लेकिन कोई राहत प्रदान नहीं की गई। तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद किसान एमएसपी पर ग्यारंटी की माँग कर रहे थे लेकिन एमएसपी की गारंटी पर इस बजट में कोई बात नहीं, वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के जो झूठे सपने दिखाये गये थे, उस पर भी आज कोई बात नहीं? 7 वर्ष पूर्व दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का सपना दिखाने वाले अभी भी 60 लाख नई नौकरियों सृजित करने के झूठे सपने दिखा रहे हैं? जब यह सच्चाई सामने आ चुकी है कि महंगाई के बढऩे में ईंधन की बढ़ती कीमतें प्रमुख कारण है तो क्या कारण है कि उसके बाद भी पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करो में कोई राहत नहीं? महंगाई से राहत के लिये बजट में कुछ नही हैं।
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