नई दिल्ली: ‘मोदी सरनेम’ से जुड़े मानहानि केस (defamation case) में अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पहले निचली अदालत (Lower court) का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इसके बाद राहुल गांधी गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) गए. अब सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि हाई कोर्ट के जज गोपी (High Court Judge Gopi) ने इस मामले पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक जज गोपी ने हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि वह इस मामले को मुख्य न्यायाधीश की पीठ को सौंप दें. राहुल गांधी के वकील ने बताया था कि कांग्रेस नेता ने निजली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की है. मानहानि केस में राहुल गांधी को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी. राहुल अभी जमानत पर बाहर हैं, लेकिन सजा मिलते ही उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द हो गई थी. यानी वह अब सांसद नहीं हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद चुने गए थे.
जानकारी मिल रही है कि राहुल की अपील पर जल्द ही हाई कोर्ट सुनवाई कर सकता है. राहुल गांधी पटना में भी मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे हैं. बीजेपी एएलए पुर्णेश मोदी ने साल 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद इसी साल 23 मार्च को इस मामले में कोर्ट ने राहुल को दोषी करार दिया.
बता दें कि राहुल गांधी ‘सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों हैं?’ वाली अपनी इस टिप्पणी पर माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था. मानहानि केस में सांसदी रद्द हुई तो राहुल गांधी को 22 अप्रैल को अपना सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा. अब वह अपनी मां सोनिया गांधी के साथ रह रहे हैं.
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