
इंदौर। ढाई हजार से अधिक भूखंडों वाले विवादित तुलसी नगर में सिर्फ साढ़े 500 भूखंडों को ही नगर निगम ने वैध किया। ग्रीन बेल्ट, सीलिंग, सडक़, नाले सहित अन्य जमीनों पर भूखंड काटकर बेच दिए। दूसरी तरफ मां सरस्वती गृह निर्माण सहकारी संस्था पर अभी प्रशासक की नियुक्ति है और इस पर काबिज रहे कॉलोनाइजर शिव अग्रवाल जेल भी गए और छूटने के बाद फिर अवैध भूखंडों के कब्जे कराने, सीमांकन के काम में जुट गए। इतना ही नहीं, प्रशासक के माध्यम से एक जाहिर सूचना भी प्रकाशित करवा दी, जिसमें तुलसी-सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसायटी पर ही अवैध वसूली के आरोप लगाए, जबकि इस सोसायटी यानी रहवासी संघ के अध्यक्ष राजेश तोमर का कहना है कि अवैध वसूली, सीमांकन, कब्जे जैसी किसी कार्रवाई में वेलफेयर सोसायटी लिप्त नहीं है।
उसका काम सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम, साफ-सफाई और चौकीदारी करना ही है। भूमाफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए और अवैध वसूली, निर्माण के साथ भूखंडों की बिक्री कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कई अवैध भूखंडों पर बिना अनुमति ही धड़ल्ले से अवैध निर्माण भी शुरू हो गए हैं। अभी भी डेढ़ से दो हजार भूखंड अवैध ही हैं, जिस पर कब्जे और नवनिर्माण किए जा रहे हैं। पिछले दिनों ही 3 हजार स्क्वेयर फीट के भूखंड 249 ए/ए के ही मालिक निर्माण करने पहुंचे तो रहवासियों ने भूखंड की वैधानिक स्थिति स्पष्ट करवाने को कहा और बताया कि जिस जगह भूखंड बताया जा रहा है, वहां पर पानी की टंकी और उद्यान विकसित है।
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