
अब 9 विधानसभा में मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़कर हो गई 3210
इंदौर। मतदाता सूची (Voter list) के गहन पुनरीक्षण (Revision) का कार्य चूंकि आयोग ने हफ्तेभर आगे बढ़ा दिया था, जिसके चलते अब 11 दिसम्बर तक अनुपस्थित या लापता मतदाताओं (voters) की खोज बीएलओ (BLO) द्वारा की जाएगी। वहीं दूसरी तरफ 585 नए मतदान केन्द्र भी आयोग की मंजूरी के बाद जिले में बनाए गए हैं, जिन्हें मिलाकर अब सभी 9 विधानसभा में कुल 3210 मतदान केन्द्र हो गए हैं। लगभग 7 फीसदी मतदाता ऐसे हैं जिनकी मैपिंग नहीं हुई। अब ऐसे मतदाताओं को नोटिस भी जारी किए गए हैं, ताकि वे निर्धारित दस्तावेजों के साथ अपने दावे-आपत्तियों के साथ प्रस्तुत कर सकें। 16 दिसम्बर को प्रारुप सूची के प्रकाशन के बाद 15 जनवरी दावे-आपत्तियां लेने की प्रक्रिया होगी।
14 फरवरी को मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों पर कुल 28 लाख 67 हजार 294 मतदाता हैं, जिनमें से 23 लाख 5 हजार 881 मतदाताओं के फॉर्म ही डिजिटाइज हो पाए। यानी 5 लाख 61 हजार 447 मतदाताताओं का सत्यापन शेष है। इनमें से लगभग 1 लाख 95 हजार मतदाता ऐसे हैं जो अनमैप्ड रह गए। इन्हें नोटिस जारी कर दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। अभी कल कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी शिवम वर्मा ने पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा की, जिसमें राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। बैठक में अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी नवजीवन विजय पवार, सहायक उप जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत श्रीवास्तव, मुख्य प्रशिक्षक आर. के. पांडे सहित अन्य अधिकारी और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिवम वर्मा ने जिले में पूर्ण किए गए लक्ष्य के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। बैठक में राजनीतिक दलों को नए प्रस्तावित मतदान केंद्रों की जानकारी भी दी गई। आगामी ड्राफ्ट रोल इन्हीं अद्यतन मतदान केंद्रों को ध्यान में रखते हुए प्रकाशित किए जाएंगे। बैठक में बताया गया कि जिले में वर्तमान में अभी 2625 मतदान केंद्र है। जिले में 585 नए मतदान केंद्र आयोग के अनुमोदन के पश्चात बनाए गए हैं। इन्हें मिलाकर अब जिले में 3210 मतदान केंद्र हो गए हैं। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा जनसुविधा बढ़ाने के कई सुझाव प्रस्तुत किए गए, जिनमें बीएलओ और एईआरओ की बैठकों के स्थानों को इस प्रकार निर्धारित करने पर जोर रहा कि मतदाताओं को दावा-आपत्ति प्रक्रिया हेतु लंबी दूरी तय न करनी पड़े। प्रशासन ने आश्वस्त किया कि सभी सार्थक सुझावों को लागू किया जाएगा, ताकि संपूर्ण प्रक्रिया अधिक सुगम और पारदर्शी बन सके। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि एब्सेंट, शिफ्टेड, डेड तथा डुप्लीकेट प्रविष्टियों की भी समीक्षा की गई है और इनसे संबंधित आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी। यदि कोई मतदाता स्वयं आकर निर्धारित समय में दावा प्रस्तुत करता है, तो उसके नाम को भी नियमानुसार अपडेट किया जाएगा।