
भोपाल। देश के अलग-अलग हिस्सों में भले ही कोरोना (Corona) का असर कम हो रहा हो, लेकिन कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते दिन पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा (Laxmikant Sharma) का निधन हो गया था, विदिशा (Vidisha) के सिरोंज में उनका अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन इस दौरान हजारों की भीड़ उमड़ गई, ना किसी ने मास्क पहना और ना ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ।
मध्य प्रदेश में अभी किसी भी अंतिम संस्कार में सिर्फ 10 लोगों के शामिल होने की इजाजत है, लेकिन पूर्व मंत्री के अंतिम संस्कार के दौरान ऐसे नियमों का पालन होता हुआ नहीं दिखा। हजारों की संख्या में लोग उन्हें अंतिम विदाई देने आए, इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी की गई और कोरोना की गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ गईं। कोरोना की दूसरी लहर का सामना करने के बाद मध्य प्रदेश में अब कुछ हदतक हालात संभले हैं।
बीते दिन से ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन पहले ही दिन इस तरह की लापरवाही देखने को मिली है। भारतीय जनता पार्टी के नेता लक्ष्मीकांत शर्मा का निधन कोरोना के कारण ही हुआ था। 11 मई को वह कोविड पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। लंबे इलाज के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। अब नेता के अंतिम संस्कार में लोगों ने कोविड गाइडलाइन्स की ही धज्जियां उड़ा दीं।
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा साल 1998, 2003 और 2008 में सिरोंज लटेरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे। हालांकि, 2013 के चुनाव में वह 1700 मतों के अंतर से पराजित हुए। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के आरोप में लक्ष्मीकांत शर्मा को 2014 में जेल हुई थी। हालांकि, जब जांच में कुछ ठोस सबूत नहीं मिले तो उन्हें बेल मिल गई थी और वो जेल से बाहर आ गए थे। लेकिन जेल से बाहर आने के बाद चुनावी राजनीति में उनका सिक्का नहीं चल पाया।
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