
इंदौर। नए कानून (new law) के तहत अब पुलिस (police) को संबंधित अपराधी की गिरफ्तारी (arrest ) और जब्ती (seizure) आदि की वीडियो (video) और ऑडियो बनाकर 72 घंटे में कोर्ट (court) में पेश करना पड़ेगी। इसको लेकर पुलिस अधिकारी और कर्मचारी खुद पसोपेश में हैं कि आखिर बिना संसाधन के ये कैसे संभव हो पाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस अब तक गिरफ्तारी-जब्ती आदि की जानकारी चालान के साथ न्यायालय में प्रस्तुत करती थी, लेकिन अब नए कानून के तहत संबंधित अपराधों में गिरफ्तारी के साथ जब्ती आदि में ऑडियो-वीडियो की तीन कॉपी प्रस्तुत करना होंगी। कल नए कानून के तहत पहली जब्ती की वर्चुअल वीडियो हीरानगर पुलिस ने प्रस्तुत की। यहां एक जेसीबी वाले ने चंद्रगुप्त मौर्य चौराहा से गुजर रहे भांैरासला के कपड़ा व्यापारी प्रियांशु जायसवाल की कार को टक्कर मारी थी, जिससे उसकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी और वो बाल-बाल बच गया था। पुलिस न्यायालय में आज संबंधित अपराध की वीडियो प्रस्तुत करेगी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब जो भी जब्ती होगी उसकी वीडियो अनिवार्य रूप से कोर्ट में देना होगी। यदि एक दिन में पांच अपराध होते हैं तो प्रत्येक की तीन-तीन कॉपी आखिर पुलिसकर्मी कैसे तैयार कर पाएंगे। इलेक्ट्रॉनिक साधन की व्यवस्था नहीं की गई है, यदि ऐसे में पुलिस फरियादी से पैनड्राइव आदि मंगवाती है तो फिर शिकायतें सामने आ सकती हैं। ये बड़ा सवाल है।
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