
नई दिल्ली: भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए स्वदेशी रूप से विकसित UAV-लॉन्च की जाने वाली सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री (ULPGM V2) का सफल विकास किया है. यह आधुनिक मिसाइल प्रणाली रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित की है. यह भारतीय सशस्त्र बलों की युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी. साथ ही यह प्रणाली लंबी दूरी तक उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकती है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य अभियानों की प्रभावशीलता और भी बढ़ेगी.
ULPGM V2: तकनीकी विशेषताएं
- उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली यह मिसाइल इमेजिंग इन्फ्रारेड (IR) सीकर के साथ पैसिव होमिंग तकनीक का इस्तेमाल करती है, जिससे यह दिन और रात दोनों समय लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है.
- लंबी दूरी की मारक क्षमता यह प्रणाली लंबी दूरी तक उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकती है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य अभियानों की प्रभावशीलता बढ़ेगी.
- उच्च मारक क्षमता इसकी घातक युद्ध सामग्री (वॉरहेड) दुश्मन के ठिकानों और सशस्त्र वाहनों को नष्ट करने की ताकत रखती है.
- स्वदेशी निर्माण यह मिसाइल पूरी तरह से भारत में विकसित की गई है, जो देश की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है.
भारतीय सेना के लिए रणनीतिक लाभ
- सटीकता और विश्वसनीयता यह मिसाइल कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी उच्च सटीकता से काम कर सकती है.
- सीमा सुरक्षा में मजबूती यह सिस्टम भारतीय सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी, खासकर उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर यह मदद करेगी.
- कमांडो ऑपरेशनों में उपयोगी बिना मानव हस्तक्षेप के यह प्रणाली दुश्मन के ठिकानों पर गुप्त हमले करने की ताकत रखती है.
- ULPGM V2 का सफल विकास मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है.