नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित करने और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए विशेष टैक्सेशन प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। मोदी ने गुरुवार को करदाता चार्टर लागू करने की घोषणा करते हुए कहा कि भारत इस प्रकार का चार्टर अपनाने वाले दुनिया के कुछ गिने चुने देशों में शामिल हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है इसमें करदाताओं और आयकर विभाग के कर्तव्यों और अधिकारों का संतुलन बिठाया गया है। मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ‘पारदशी कराधान-ईमानदार का सम्मान’ मंच के उद्घाटन के अवसर पर यह घोषणा करते हुए कहा कि इस चार्टर में करदाताओं के साथ उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का वचन दिया गया है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारी कर व्यवस्था गुलामी के दौर की थी। आजादी के बाद यह विकसित हुई। इसमें यदाकदा सुधार किए गए पर इसका मूल चरित्र पहले जैसा बना रहा, जिसमें करदाता और कर विभाग के बीच रिश्ता शक वाला था। मोदी ने कहा कि कर लेना और देना यह अधिकार भी है और दायित्व भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि करदाता राष्ट्र निर्माण में योगदान करता है, उसके कर से देश का विकास होता है। सरकार करदाताओं के लिए उसी पैसे से बुनियादी सुविधाएं विकसित करती है। करदाता चार्टर में कर अधिकारी करदाता पर विश्वास करेंगे और किसी पर बिना वजह शक नहीं करेंगे। जहां शक होगा वहां अपील की छूट होगी।
मोदी ने कहा कि अधिकार के साथ दायित्व जुड़ा होता है। कर देना और कर लेना दोनों ही जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वह करदाता के पाई-पाई का सदुपयोग करे। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने कर प्रणाली को पारदर्शी और सरल बनाने के तमाम कदम उठाए है। पिछले 6 साल में रिटर्न भरने वालों की संख्या ढाई करोड़ बढ़ी है। लेकिनप्रधानमंत्री ने इस बात पर खेद जाताया कि 130 करोड़ की आबादी वाले देश में मात्र डेढ़ करोड़ लोग आयकर देते है। उन्होंने कहा कि ये संख्या बहुत कम है। इस पर आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। (एजेंसी, हि.स.)
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