
नई दिल्ली। आर्थिक विकास और बढ़ती मुद्रास्फीति भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख चिंता बनी हुई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि ये चुनौतियां अगले केंद्रीय बजट में फोकस में रहेगी। वहीं दूसरी ओर, सितंबर महीने के लिए जारी वित्त मंत्रालय की आर्थिक समीक्षा बैठक में कहा गया है कि 2022-23 की पहली छमाही में भारत का आर्थिक प्रदर्शन “प्रभावशाली” रहा है।
वित्त मंत्रालय की समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 की पहली छमाही में भारत का आर्थिक प्रदर्शन दुनिया की तुलना में प्रभावशाली रहा है। पीएमआई समग्र सूचकांक के अनुसार अप्रैल से सितंबर 2022 के दौरान विश्व स्तर के 51.0 की तुलना में भारत की आर्थिक गतिविधि स्तर 56.7 के स्तर पर रही जो जो बेहतर है। वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी की गई आर्थिक समीक्षा में ये बातें कही गईं हैं।
“जबकि थोक मुद्रास्फीति मई 2022 में 16.6 प्रतिशत के अपने चरम से घटकर सितंबर 2022 में 10.7 प्रतिशत हो गई है। ऐसा कॉमोडिटी की कीमतों में नरमी और सरकारी उपायों के कारण हैं। खुदरा मुद्रास्फीति खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण आरबीआई के ऊपरी सहिष्णुता बैंड से ऊपर बनी हुई है। हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति के कम होने की उम्मीद है क्योंकि फसल कटाई और खरीद का मौसम आने वाला है।
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