
हर 4 साल में होने वाली वन्यजीव गणना अगले साल
जनवरी से अप्रैल तक होगी वन्यजीवों की गणना
इंदौर। हर 4 साल में होने वाली बाघ गणना (Tiger census) के लिए इंदौर (Indore) सहित पूरे देश और प्रदेश में वन विभाग (Forest Department) ने तैयारिया शुरू कर दी हैं। आज से एसडीओ फारेस्ट रेंजर सहित अन्य अधिकारियों की 3 दिवसीय ट्रेनिंग शुरू हो रही है। यह ट्रेनिंग इंदौर से 125 किलोमीटर दूर देवास-सीहोर जिले की सीमा पर मौजूद खिवनी अभयारण्य में चल रही है ।
यह ट्रेनिंग मालवा-निमाड़ के लगभग 40 वन अधिकारियों को साल 2026 में जनवरी से अप्रैल माह तक होने वाली बाघ गणना के लिए दी जा रही है। रालामण्डल एसडीओ योहान कटारा ने बताया कि ट्रेनिंग खिवनी अभयारण्य में आज से शुरू हो गई। हर 4 साल में होने वाली बाघ गणना इसके पहले साल 2022 में हुई थी ।
पहली वैज्ञानिक बाघ गणना 20 साल पहले शुरू हुई थी
एसडीओ कटारा के अनुसार पहली वैज्ञानिक बाघ गणना लगभग 20 साल पहले साल 2006 में शुरू हुई थी । इसके बाद से हर चार साल में बाघ गणना की जाती है, पिछली बार 4 साल पहले 2022 में हुई गणना के अनुसार इंदौर सहित पूरे मध्य प्रदेश में 785 बाघ थे। अब बाघों की अगली गणना 2026 में जनवरी से शुरू होगी, जिसकी रिपोर्ट साल 2027 तक जारी होगी।
देहरादून, कान्हा और जबलपुर के ट्रेनर देंगे ट्रेंनिग
इस ट्रेंनिगकैम्प में इंदौर,देवास उज्जैन खण्डवा बुरहानपुर धार , झाबुआ ,सेंधवा बड़वानी जिले के वन अधिकारी शामिल है। इन सभी को भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान कान्हा टाइगर रिजर्व ,और वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया यानी भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून सहित ,जबलपुर ,के मास्टर ट्रेनर 3 दिन तक ट्रेनिंग मतलब प्रशिक्षण देंगे।
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