
इंदौर। इंदौर (Indore) के हीरानगर थाना क्षेत्र (Hiranagar police station area) में एक गंभीर धोखाधड़ी (Serious fraud) का मामला सामने आया है, जिसमें कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के असिस्टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों पर 52 लाख रुपये की हेराफेरी का आरोप लगा है। फरियादी सुरजीत सिंह वालिया और पीसी वालिया मॉडल स्कूल का संचालन करते हैं। उन्होंने सदरलैंड स्कूल के लिए फैमिली लोन लिया था। इसी प्रक्रिया के दौरान कोटक महिंद्रा बैंक की संबंधित शाखा में पदस्थ असिस्टेंट मैनेजर गोपाल सिंह भदौरिया ने उन्हें झांसा देकर धोखाधड़ी की।
फरियादी के अनुसार, मैनेजर भदौरिया ने उन्हें बताया कि लोन का ब्याज अधिक आ रहा है, इसलिए ईएमआई कम करने के नाम पर लोन अकाउंट से पैसा ओवरड्राफ्ट (OD) अकाउंट में ट्रांसफर किया जाएगा। भरोसा दिलाते हुए उन्होंने आरटीजीएस करवाए, लेकिन पैसा OD अकाउंट में ट्रांसफर करने के बजाय अलग-अलग निजी खातों में भेज दिया गया। जांच में सामने आया कि भदौरिया ने अपने पुत्र भगवान सिंह भदौरिया तथा परिचित शिवम सोनी के खातों में कुल 52 लाख रुपये ट्रांसफर किए। खास बात यह है कि फरियादी के पास किसी भी प्रकार का बैंक नोटिफिकेशन, मैसेज या अलर्ट नहीं आया। छह महीनों तक उनके खाते से ईएमआई भी दूसरे अकाउंट से जमा की जाती रही, जिससे उन्हें कोई संदेह नहीं हुआ। फरियादी को जब अकाउंट से बड़े अमाउंट निकलने की जानकारी मिली, तब शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में गोपाल सिंह भदौरिया, भगवान सिंह भदौरिया और शिवम सोनी को धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की धाराओं में आरोपी बनाया है।

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