
कांग्रेस प्रवक्ता का सनसनीखेज खुलासा
इंदौर। केंद्र सरकार (Central government) द्वारा मास्टर प्लान (master plan) की सडक़ों के निर्माण के लिए इंदौर (Indore) नगर निगम (Municipal council) के खाते में 468 करोड़ की राशि जारी की गई है। इस राशि से 15 सडक़ों के निर्माण की योजना है, जिनमें एयरपोर्ट रोड से छोटा बांगड़दा होते हुए एमआर-5 तक की सडक़ प्रमुख रूप से शामिल है। लेकिन इसी को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट प्रमोदकुमार द्विवेदी ने बड़ा खुलासा किया है।
द्विवेदी ने आरोप लगाया कि नगर निगम जिस मार्ग को मास्टर प्लान की सडक़ बताकर निर्माण करने की बात कर रहा है, उसी जगह पर पहले से ही करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य निगम स्वयं करवा चुका है। उन्होंने बताया कि 1 करोड़ 5 लाख 85 हजार 250 रुपए की लागत से वाल्मीकि भवन, 1 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से सरकारी स्कूल (निर्माणाधीन) और 20 लाख रुपए से अधिक की लागत से संजीवनी क्लिनिक भवन का निर्माण किया गया है। द्विवेदी के अनुसार ये तीनों निर्माण उस भूमि पर किए गए हैं, जहां मास्टर प्लान में सडक़ प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि उक्त स्थान पर पहले इंदौर विकास प्राधिकरण के 46 क्वार्टर हटाए गए थे, वहीं पास में शराब दुकान भी नजूल भूमि पर स्थित है। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जब सडक़ 100 मीटर चौड़ी प्रस्तावित थी, तब उसी जमीन पर भवन निर्माण की अनुमति क्यों दी गई? क्या अब सडक़ निर्माण के लिए वाल्मीकि भवन, स्कूल और संजीवनी क्लिनिक को तोड़ा जाएगा? उन्होंने मांग की कि जिन जनप्रतिनिधियों ने अनुशंसा की और जिन अधिकारियों ने मंजूरी दी, उनके विरुद्ध लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराई जाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एरोड्रम थाना से सत्य सरोज वाटिका तक जो सडक़ बनाई जा रही है, वह भी सिर्फ पुरानी चौड़ाई (20 से 27 फीट) की है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि निगम को एमआर- 5 तक पहुंचना है तो यह सडक़ आखिर कहां से और कैसे बनेगी?
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