
हर थाने में 50 लाख से 1 करोड़ के आंकड़े
वीरेंद्र सिंह सिसोदिया, इंदौर।
तमाम टैक्स लगी शासकीय शराब (government liquor) पीने के बाद इंदौर (Indore) के शराबी (drunker) हर माह चौराहों पर होने वाली ड्रिंक एंड ड्राइव (drink and drive) की चेकिंग में फंूक मारकर ही 2 करोड़ का राजस्व चालानी कार्रवाई के रूप में दे रहे हैं। जनवरी से लेकर अक्टूबर तक के ड्रिंक एंड ड्राइव के चालान के आंकड़े देखें तो अभी तक 20 करोड़ की फंकू मारकर सरकार के खजाने में दे चुके हैं। साल के अंत तक यह आंकड़ा और भी बढऩे वाला है।

दरअसल रात होते ही इंदौर पुलिस कमिश्नरेट के हर थाना क्षेत्र में 10 बजे से लेकर 12 बजे तक चेकिंग पाइंट लगाती है। इस दौरान पुलिस का फोकस होता है कि शराब पीकर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के मुंह में ब्रिथ एनालाइजर लगाकर अल्कोहल प्रतिशत की जांच की जाए। जो शराब पीए पाता जाता है उसके खिलाफ 185 के तहत कार्रवाई की जाती है और उनके वाहन जब्त कर लिए जाते हैं। ये वाहन कोर्ट में 10 हजार का चालान भरकर ही छुड़ाए जाते हैं। शहर के अलग-अलग थानों में इस तरह बनने वाले चालानों की संख्या अलग-अलग है। सबसे ज्यादा चालान विजय नगर थाने में बने हैं। इसके बाद कनाडिय़ा और तुकोगंज थाने में बने। सीमावर्ती थानों में भी पुलिस इस तरह का चेकिंग पाइंट लगाती है और शहर के अंदर आने वाले वाहन चालकों की जांच कर उनके खिलाफ ड्रिंक एंड ड्राइव की कार्रवाई करते हैं। कई बार तो वाहन चालकों और पुलिस के बीच कार्रवाई को लेकर तीखी बहस भी होती है, लेकिन पुलिस का कहना रहता है कि क्या करें मजबूरी है। आगे से आदेश है, चालान तो भरना ही पड़ेगा।
हर थाना परिसर में गाडिय़ों का अंबार ड्रिंक एंड ड्राइव की रोज कार्रवाई हो रही है, जिसमें वाहन जब्त हो रहे हैं। कार वाले और महंगी गाडिय़ों वाले तो दूसरे दिन आकर कोर्ट में चालान भरकर गाडिय़ां छुड़ा लेते हैं, लेकिन जो वाहन सस्ते होते हैं और जिनकी कीमत 15 हजार से कम होती है, उनके मालिक गाडिय़ां छुड़ाने ही नहीं आते, क्योंकि 10 हजार के चालान के बाद हजार-दो हजार अन्य खर्चा लग जाता है। ऐसे में वाहन चालक गाडिय़ों को छुड़ाने आते ही नहीं। शहर के चंदन नगर, विजय नगर, तुकोगंज सहित कई थानों के परिसरों में तो यह स्थिति है कि गाडिय़ों की भीड़ लग गई। सिर्फ थानों के अंदर जाने का रास्ता ही बचा है। रिपोर्ट लिखाने आने वालों सहित पुलिस स्टाफ के वाहन खड़े करने की जगह भी नहीं बची है।
विजय नगर राजस्व वसूली में नंबर 1
शहर में सबसे ज्यादा पब और बार विजय नगर थाना क्षेत्र में हैं। पुलिस चौराहे पर ही चेकिंग पाइंट लगाती है। विजय नगर पुलिस 1 जनवरी से लेकर 30 अक्टूबर तक करीब 1200 चालान सवा करोड़ रुपए के बना चुकी है। चालान बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर तुकोगंज और कनाडिय़ा थाना हैं। तुकोगंज थाने में एक करोड़ से अधिक के चालान बन चुके हैं। कनाडिय़ा थाने में अक्टूबर तक 1179 चलाना बनाए। इस थाने में भी एक करोड़ से अधिक के चालान बन गए हैं। तिलक नगर पुलिस ने 450 चालान बनाए और करीब 45 लाख रुपए का राजस्व वसूला। तेजाजी नगर पुलिस ने जनवरी से अभी तक 821 चालान बनाए और करीब 85 लाख के राजस्व की वसूली की है। तेजाजी नगर पुलिस का रालामंडल में चेकिंग पाइंट लगता है। राजेंद्र नगर पुलिस ने भी लगभग इतने ही चालान बनाकर करीब 85 लाख के राजस्व की वसूली की है। 500 से अधिक चालान अन्नपूर्णा पुलिस ने बनाए हैं। इसी तरह शहर के अन्य थानों के आंकड़े भी इसी प्रकार हैं। शहर के 32 थानों में लगभग 500 से 1200 चालान बन चुके हैं। इन सभी थानों में बनने वाले चालानों का आंकड़ा करीब 20 करोड़ हो चुका है।
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