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इन्दौर में घाटे की मेट्रो, 80 लाख का बिजली खर्च और टिकट से कमाए सिर्फ 20 लाख

September 28, 2025

  • अब रेडिसन तक ट्रायल की तैयारी…

इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट अपनी गति से चल रहा है और अब दशहरा तक रेडिसन चौराहा तक ट्रायल के प्रयास भी किए जा रहे हैं। कल हीरा नगर स्टेशन तक सफल ट्रायल लिया गया। इस तरह अब तक कुल 13 किलोमीटर तक सफल ट्रायल हो चुका है और अब 17 किलोमीटर तक के ट्रायल की तैयारी है। अभी और आनेवाले कुछ वर्षों तक इंदौर मेट्रो का संचालन घाटे में ही रहेगा। अभी बीते चार महीने में टिकट बेचने से लगभग 20 लाख रुपए की कमाई हुई है, तो 80 लाख रुपए का तो बिजली बिल ही आ गया। अन्य खर्चे इससे अलग हैं। कल मेट्रो कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक एस कृष्ण चैतन्य ट्रायल और टेस्टिंग रन के दौरान मौजूद रहे और उन्होंने अधूरे कार्यों को तय समयसीमा में पूरा करने के निर्देश भी दिए।

अभी 19 सितम्बर को मेट्रो का सफल ट्रायल सुपर कॉरिडोर से एमआर-10 स्टेशन तक किया गया था और फिर उसके आगे कल आईएसबीटी, चंद्रगुप्त चौराहा और हीरानगर स्टेशनों तक हुआ। इस ट्रायल रन में प्रबंध संचालक एस. कृष्ण चैतन्य सहित अन्य मौजूद रहे। मालवीय नगर से बापट स्टेशन तक ट्राली परीक्षण भी किया गया, साथ ही चल रहे अन्य कार्य, जिनमें ट्रैक, सिग्नलिंग, विद्युत आपूर्ति और अन्य सुविधाओं की जानकारी भी ली। सम्पूर्ण कॉरिडोर पर शेष बचे सिविल और सिस्टम से जुड़े कार्यों को जल्द पूर्ण करने के निर्देश भी प्रबध संचालक ने दिए, ताकि सभी जरूरी अनुमति के बाद आम जनता को सम्पूर्ण कॉरिडोर पर मेट्रो ट्रेन की सुविधा मुहैया कराई जा सके। उल्लेखनी है कि अभी गांधी नगर से लेकर रोबोट चौराहा तक एलिवेटेड कॉरिडोर का काम चल रहा है और अभी 6 किलोमीटर में मेट्रो का व्यावसायिक संचालन भी जारी है।


हालांकि अभी सीमित संचालन ही किया जा रहा है, क्योंकि यात्रियों का टोटा है। 31 मई से यह संचालन शुरू किया गया था और लगभग डेढ़ लाख लोगों ने मुफ्त यात्रा की सुविधा का लाभ उठाया और उसके बाद फिर रियायत के साथ टिकट की जाने लगी। अभी इन चार महीनों में लगभग 20 लाख रुपए की टिकटें बिकी हैं और हर महीने चूंकि 20 लाख रुपए का बिजली बिल आता है। इस तरह 4 महीनों में 80 लाख रुपए की बिजली बिल की राशि खर्च हो चुकी है। इसमें अन्य तमाम खर्चे शामिल नहीं हैं। मेट्रो कॉर्पोरेशन का यह भी प्रयास है कि साल के अंत तक गांधी नगर से लेकर रेडिसन चौराहा तक के 17 किलोमीटर के हिस्से को पूर्ण कर लिया जाए और सेफ्टी सहित अन्य मापदण्डों पर अनुमति लेकर नए साल की शुरुआत से व्यावसायिक संचालन शुरू हो जाए।

दूसरी तरफ अंडरग्राउंड रुट का काम एक तरफ से तो शुरू हो गया है, मगर खजराना चौराहा से आगे का काम रूका पड़ा है, क्योंकि शासन अभी तक यह फैसला नहीं ले पाया कि मेट्रो पलासिया, एमजी रोड से अंडरग्राउंड होगी या खजराना-बंगाली चौराहा से। फिलहाल एयरपोर्ट की तरफ से अंडरग्राउंड का काम शुरू किया गया है, क्योंकि गांधी नगर से एयरपोर्ट तक का हिस्सा अंडरग्राउंड रूट से ही जुड़ेगा। मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारियों का भी मानना है कि जब तक एयरपोर्ट से लेकर विजय नगर, रेडिसन चौराहा तक मेट्रो का संचालन शुरू नहीं होगा तब तक अच्छी संख्या में यात्री नहीं मिल सकेंगे, क्योंकि बड़ी संख्या में एयरपोर्ट पर यात्रियों का आवागमन होता है और विजय नगर से अगर एयरपोर्ट तक मेट्रो की सुविधा मिल जाती है तो अधिकांश हवाई यात्री टैक्सियों या निजी वाहनों की बजाय मेट्रो या निजी वाहनों से ही सफर करेंगे, क्योंकि अभी एक घंटे का समय विजय नगर से सुपर कॉरिडोर होते हुए एयरपोर्ट पहुंचने में लगता है। मगर मेट्रो के जरिए यह सफर 15 से 20 मिनट में पूरा हो जाएगा। पिछले दिनों मेट्रो का संचालन 6 किलोमीटर के कॉरिडोर पर दोपहर 3 से शाम 7 बजे के बीच ही शुरू किया गया है।

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