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INDORE : 162 रुपए के टेंडर ने रुकवाया ओवरब्रिजों का फिजिबिलिटी सर्वे

July 02, 2021


अहमदाबाद की फर्म ने गलत भर दिया टेंडर, बोर्ड को निरस्त कर नए सिरे से शुरू करनी होगी कवायद
इंदौर।  विकास प्राधिकरण (development authority) को शहर में ओवरब्रिजों (overbridges) का निर्माण करना है। लिहाजा पहले 8 ओवरब्रिजों का प्रस्ताव बोर्ड ने मंजूर कर फिजिबिलिटी सर्वे ( feasibility survey) करवाने का निर्णय लिया, जिसके चलते 7 फर्मों ने टेंडर भरे, लेकिन अहमदाबाद (ahmedabad) की एक फर्म ने गलती से मात्र 162 रुपए का टेंडर भर दिया, जिसके चलते इस टेंडर को बोर्ड ने अभी निरस्त किया और नए सिरे से टेंडर बुलवाने का निर्णय लिया। वहीं अब 8 की बजाय 11 ओवरब्रिजों का फिजिबिलिटी सर्वे ( feasibility survey)  प्राधिकरण करवाएगा। मुख्यमंत्री ने इस आशय की घोषणा भी की थी, जिसके चलते प्राधिकरण (authority) ये ओवरब्रिज बनवा रहा है।
शहर का यातायात अत्यंत ही बिगड़ा हुआ है और जितने भी ओवरब्रिज (overbridge) बनाए वे या तो लेटलतीफी का शिकार हुए या तकनीकी त्रुटियां भी रही। ताजा उदाहरण बंगाली ब्रिज का है, जिसका निर्माण कार्य डिजाइन की तकनीकी त्रुटि के चलते फिलहाल ठप पड़ा है। वहीं प्राधिकरण (authority) ने जो ओवरब्रिज बनवाए वह बेहतर हैं। लिहाजा शहर के अब अधिकांश ओवरब्रिजों का जिम्मा प्राधिकरण को ही सौंपा गया है। लिहाजा पिछले दिनों बोर्ड ने मुख्यमंत्री की घोषणा के मद्देनजर भंवरकुआ, विजय नगर, आईटी पार्क, मूसाखेड़ी, खजराना, एमआर-9, रेडिसन चौराहा और रिगल चौराहा पर 8 ओवरब्रिजों के लिए फिजिबिलिटी सर्वे करवाने का निर्णय लेते हुए 60 लाख रुपए की राशि गैर योजना मद से मंजूर की। ऑनलाइन टेंडर बुलवाए गए और 7 फर्मों के टेंडर पात्र पाए गए। अभी 2 जून को फाइनेंशियल बीड खोली गई, जिसमें सर्वाधिक 4 करोड़ 85 लाख का टेंडर चेन्नई की एक फर्म का, तो मुंबई, जयपुर, बड़ोदरा की अन्य फर्मों के 1 करोड़ 35 लाख से लेकर 49 लाख तक के टेंडर आए, लेकिन अहमदाबाद की एक फर्म ने गलती से 162 लाख की बजाय 162 रुपए का टेंडर भर दिया, जिसे कल बोर्ड ने निरस्त कर फिजिबिलिटी सर्वे करवाने का निर्णय लिया।


नजूल जमीनों को हासिल करने का प्रस्ताव भी किया मंजूर
प्राधिकरण बोर्ड (authority board) ने जहां मास्टर प्लान सहित मुख्य सडक़ों के निर्माण का निर्णय लिया, वहीं 160 करोड़ रुपए से अधिक के सम्पत्तियों के टेंडरों को भी मंजूरी दी। वहीं रेसीडेंसी कोठी स्थित रैलीज हाउस की बेशकीमती नजूल जमीन, जो कि 1.310 हेक्टेयर है। यानी सवा लाख स्क्वेयर फीट से ज्यादा के अलावा गाडराखेड़ी (gadrakhedi) स्थित नजूल जमीन 3.683 हेक्टेयर यानी लगभग 8 एकड़ को हासिल करने का प्रस्ताव रखा। अब नजूल इन दोनों जमीनों को प्राधिकरण को हस्तांतरित करेगा, जिनका उपयोग प्राधिकरण आवासीय, व्यवसायिक प्रोजेक्टों में कर सकेगा। संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार शर्मा ने बोर्ड बैठक के बाद बताया कि महत्वपूर्ण सडक़ों के साथ प्राधिकरण (authority) के ठप पड़े प्रोजेक्टों में अब तेज गति से काम होगा, क्योंकि कोरोना के चलते काम ठप पड़ गया था।

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