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इंदौर: सराफा में लौटा पारंपरिक स्वाद, मोमोज-चायनीज के कब्जे से आजाद हुए रबड़ी-मालपुए, गुलाब जामुन इतराए

November 29, 2025

इंदौर। शहर (Indore) का दिल कही जाने वाली सराफा चौपाटी (Sarafa Chowpatty) में एक बार फिर अपना पुराना वैभव लौट आया। कल रात सराफा का नजारा ‘ओल्ड इज गोल्ड’ (‘Old is Gold’) वाली कहावत से साकार हो रहा था। लंबे समय से मोमोज (momos) और चायनीज (Chinese) फूड के कब्जे में अपनी पहचान खोती जा रही यह चौपाटी अब पुन: इंदौरी स्वादों की खुशबू से महक उठी है।



नगर निगम द्वारा दो दिन पूर्व पारंपरिक व्यंजनों की दुकानों को पुन: स्थापित करने का आदेश जारी करने के बाद चारों ओर मालवा के पारंपरिक व्यंजन—रबड़ी, मालपुआ, जलेबी, गुलाब जामुन, भुट्टे का कीस, गराड़ू और खोपरा पेटीस की महक फैल रही थी। खाने की प्लेटों पर भी कल रबड़ी-मालपुए और गुलाब जामुन ऐसे इतराते दिखाई दिए, जैसे अपनी खोई हुई पहचान वापस मिलने की खुशी मना रहे हों। इस बदलाव का असर भीड़ पर साफ दिखा। सराफा में नशे में शोर मचाते युवा नजर नहीं आए। न कोई विवाद, न धक्का-मुक्की… बल्कि हर तरफ सजे-संवरे, सभ्य परिवारों के समूह नजर आए, जो काफी समय से भीड़ और अव्यवस्था के कारण सराफा आने से कतराने लगे थे। परिवारों की वापसी ने सराफा को पुन: सुरक्षित और गरिमामयी रूप प्रदान किया है। व्यापारी भी इस परिवर्तन से गद्गद् दिखाई दिए। उनका कहना है कि अनावश्यक दुकानों को हटाए जाने के बाद अब उनके पास ग्राहकों की सेवा करने का पर्याप्त स्थान है। दुकानदारों के चेहरे पर संतोष की झलक साफ दिखाई दी। व्यापारियों ने कहा कि थोड़ा समय जरूर लगेगा, मगर हमें पूरा विश्वास है कि हमारे पुरखों ने जो इस बाजार की साख बनाई थी, वह जल्द वापस दिखाई देगी। कुल मिलाकर वर्षों बाद सराफा चौपाटी ने वह रंगत दिखा दी, जो कभी इंदौर की शान हुआ करती थी। स्वाद, स्वच्छता, शांति व सराफा की ऐतिहासिक पहचान सब मिलकर कल रात एक नई, लेकिन पुराने दिनों वाली इंदौरी झलक पेश कर रहे थे।

मन की बात व्यापारियों के साथ

हटाए लोगों का भी ख्याल करे प्रशासन
पारंपरिक खाद्य पदार्थों की दुकान लगाने की अनुमति के बाद सराफा चौपाटी पर हमारा व्यापार जरूर बढ़ा है, मगर निगम प्रशासन को सराफा चौपाटी से बाहर किए गए दुकानदारों को भी व्यापार करने के लिए उचित स्थान देना चाहिए।
बाबा कोकोनट क्रस के संचालक
मालवी व्यंजन फास्ट फूड को पछड़ाते हैं
पारंपरिक व्यंजनों की अपनी एक अलग ही पहचान है। आप चाहे कितने भी चायनीज, फास्ट फूड या मोमोज की दुकानें लगा लो, मालवी व्यंजनों को कभी पछाड़ नहीं सकते।
नटवरलाल नेमा (नेमा कुल्फी भंडार)
सराफा आना हुआ सुलभ
परंपरागत व्यंजनों से सराफा अब अपने पुराने वैभव को प्राप्त करेगा। मालवी व्यंजनों के चाहने वालों की भीड़ से निश्चित तौर पर व्यापार को गति मिलेगी।
सांवरिया चाट संचालक

पारंपरिक व्यंजनों से संतुष्टि
पुरखों के लगाए व्यापार को बड़ी ही जिम्मेदारी से संभाल रहे कुल्फी व्यापारी ने बताया कि पहले सराफा चौपाटी में चायनीज फूड और मोमोज ने इस कदर कब्जा जमा लिया था कि ग्राहक पारंपरिक व्यंजनों तक तो पहुंच ही नहीं पाता था। फास्ट फूड से ही अपना पेट भरकर चला जाता था, मगर अब ग्राहक पारंपरिक व्यंजनों का आनंद ले रहा है और हम उन्हें देख संतुष्ट हैं।
मुकेश अग्रवाल, अग्रवाल आइसक्रीम भंडार

प्रशासन की मुस्तैदी से दुकान में लगी आग तुरंत बुझी…
कल सराफा बाजार में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद खड़े निगमायुक्त दिलीपकुमार यादव और सराफा टीआई आरके लिटोरिया को जैसे ही सूचना मिली कि सराफा की एक बिल्डिंग में स्थित दुकान से धुआं निकल रहा है तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को तुरंत फायर उपकरण लाने के लिए कहा। निगमकर्मियों ने शटर का ताला तोडक़र दुकान में आग को शांत किया।

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