
नई दिल्ली. ईरान (Iran) के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने कतर (katar) की राजधानी दोहा में स्थित अमेरिकी बेस (American Base) पर हमले के बाद प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि हमने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है. ईरान किसी के सामने झुकेगा नहीं. हम किसी के द्वारा ज्यादती को स्वीकार किसी भी हाल में नहीं करेंगे.
अमेरिकी बेस को कोई बड़ा नुकसान न होने के बाद मिडिल ईस्ट के कुछ इलाकों में हवाई सेवा बहाल कर दी गई है. ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य बेस पर मिसाइलें दागीं, जिसके बाद तेहरान में जश्न मनाया गया. अमेरिका ने इस हमले को प्रतीकात्मक बताते हुए जवाबी कार्रवाई से इनकार किया है.
ईरान आत्मसर्मपण करने वाला राष्ट्र नहीं: खामेनेई
खामेनेई ने एक और पोस्ट में कहा कि जो ईरानी लोगों और उनके इतिहास के बारे में जानते हैं, वो जानते हैं कि ईरान आत्मसर्मपण करने वाला राष्ट्र नहीं है.
डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के हमले को लेकर क्या कहा?
खोमेनेई की ओर से यह ट्वीट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सैन्य अड्डे पर हमले को लेकर आई पहली प्रतिक्रिया के बाद आई है. ट्रंप ने ईरान के जवाबी हमले को कमजोर बताया है. उन्होंने कहा है कि ईरान ने न्यूक्लियर प्लांट पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले को लेकर ईरान ने आधिकारिक तौर पर जवाब दिया है, जो कि अपेक्षा अनुसार कमजोर रहा. ईरान की ओर से 14 मिसाइलें दागीं गईं थी, जिसमें 13 को नष्ट कर दिया गया. एक मिसाइल को जानबूझकर छोड़ दिया गया क्योंकि वह किसी और दिशा में जा रही थी, उससे खतरा नहीं था.
कतर ने खोला अपना एयरस्पेस
कतर ने एक बार फिर से अपना एयरस्पेस खोल दिया है. यह जानकारी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने दी है. ईरान के हमले के बाद कुछ घंटों के लिए एयरस्पेस को बंद कर दिया गया था, जिसकी वजह से भारत समेत दुनियाभर की उड़ानें प्रभावित हो गईं थी.
होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने का खतरा, भारत की तेल आपूर्ति पर असर?
अमेरिका के ईरान पर हमले और फिर पलटवार के बाद दुनिया के सामने तेल संकट का खतरा खड़ा हो गया है क्योंकि ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है. ईरान ने कहा है कि उसके यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम पर अमेरिकी हमले का कोई असर नहीं पड़ा है. भारत ने इस स्थिति पर चिंता जताई है और शांति बहाली की उम्मीद की है, साथ ही भारत के पास कच्चे तेल की आपूर्ति के अन्य स्रोत भी हैं. भारत सरकार ने जानकारी दी है कि फिलहाल 55,00,000 बैरल में से 15,00,000 बैरल कच्चा तेल ही मध्य पूर्व से भारत आ रहा है.
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